हैदर देहलवी, सय्यद जलालुद्दीन हैदर (1906-1958)स्वतंत्र विचारों और अपने आप में मगन रहने वाले देहलवी शाइर जो शाइरी को पैसा कमाने का ज़रिया बनाने के ख़िलाफ थे। कई साहित्यिक पत्रिकाएँ निकालीं। किसी की शागिर्दी में नहीं आए। आज़ादी के बाद ढाका और फिर कराची जा बसे।