aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Navin C. Chaturvedi's Photo'

नवीन सी. चतुर्वेदी

1968 | मुंबई, भारत

नवीन सी. चतुर्वेदी के शेर

434
Favorite

श्रेणीबद्ध करें

प्यास को प्यार करना था केवल

एक अक्षर बदल पाए हम

भुला दिया है जो तू ने तो कुछ मलाल नहीं

कई दिनों से मुझे भी तिरा ख़याल नहीं

बग़ैर पूछे मिरे सर में भर दिया मज़हब

मैं रोकता भी तो कैसे कि मैं तो बच्चा था

मिरा साया मिरे बस में नहीं है

मगर दुनिया पे दावा कर रहा हूँ

किस को फ़ुर्सत है जो हर्फ़ों की हरारत समझाए

बात आसानी तक आए तो सभी तक पहुँचे

बैठे-बैठे का सफ़र सिर्फ़ है ख़्वाबों का फ़ुतूर

जिस्म दरवाज़े तक आए तो गली तक पहुँचे

अब हवाओं के दाम खुलने हैं

ख़ुशबुओं का तो हो चुका सौदा

हम तो उस के ज़ेहन की उर्यानियों पर मर मिटे

दाद अगरचे दे रहे हैं जिस्म और पोशाक पर

नए सफ़र का हर इक मोड़ भी नया था मगर

हर एक मोड़ पे कोई सदाएँ देता था

परसों मैं बाज़ार गया था दर्पन लेने की ख़ातिर

क्या बोलूँ दूकान पे ही मैं शर्म के मारे गड़ बैठा

कुछ भँवर यूँ उचट पड़े थे ज्यूँ

ख़ुद-कुशी पर हो कोई आमादा

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए