aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Nida Fazli's Photo'

निदा फ़ाज़ली

1938 - 2016 | मुंबई, भारत

महत्वपूर्ण आधुनिक शायर और फ़िल्म गीतकार। अपनी ग़ज़ल ' कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता ' के लिए प्रसिद्ध

महत्वपूर्ण आधुनिक शायर और फ़िल्म गीतकार। अपनी ग़ज़ल ' कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता ' के लिए प्रसिद्ध

निदा फ़ाज़ली के वीडियो

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शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

निदा फ़ाज़ली

Besan ki saundhi roti par khatti chatni jesi maa

Nida fazli was born in Delhi. Nida Fazli is a poet lyricist. He moved to Mumbai in a search for job in the early days of his career.His poetic style attracted the notice of filmmakers and writer of Hindi and Urdu literature. He recited his poetry for Rekhta.org निदा फ़ाज़ली

Dohe

निदा फ़ाज़ली

Jise dekhte hi khumari lage

Nida fazli was born in Delhi. Nida Fazli is a poet lyricist. He moved to Mumbai in a search for job in the early days of his career.His poetic style attracted the notice of filmmakers and writer of Hindi and Urdu literature. He recited his poetry for Rekhta.org निदा फ़ाज़ली

Koshish ke bawajood ye ilzaam reh gaya

Nida fazli was born in Delhi. Nida Fazli is a poet lyricist. He moved to Mumbai in a search for job in the early days of his career.His poetic style attracted the notice of filmmakers and writer of Hindi and Urdu literature. He recited his poetry for Rekhta.org निदा फ़ाज़ली

Nida Fazli at a mushaira

निदा फ़ाज़ली

Walid ki Wafaat Par by Nida Fazli

Nida fazli was born in Delhi. Nida Fazli is a poet lyricist. He moved to Mumbai in a search for job in the early days of his career.His poetic style attracted the notice of filmmakers and writer of Hindi and Urdu literature. He recited his poetry for Rekhta.org निदा फ़ाज़ली

कोशिश के बावजूद ये इल्ज़ाम रह गया

निदा फ़ाज़ली

जिसे देखते ही ख़ुमारी लगे

निदा फ़ाज़ली

वालिद की वफ़ात पर

तुम्हारी क़ब्र पर निदा फ़ाज़ली

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Interview of Nida Fazli

निदा फ़ाज़ली

Nida Fazli in conversation with Zamarrud Mughal for Rekhta.org

Nida fazli was born in Delhi. Nida Fazli is a poet lyricist. He moved to Mumbai in a search for job in the early days of his career.His poetic style attracted the notice of filmmakers and writer of Hindi and Urdu literature. Here are some of his excerpts for Rekhta.org निदा फ़ाज़ली

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Badla na apne aap ko

Badla na apne aap ko भारती विश्वनाथन

धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो

धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो अज्ञात

एरिक डेविड

अपना ग़म ले के कहीं और न जाया जाए

अपना ग़म ले के कहीं और न जाया जाए अज्ञात

अब ख़ुशी है न कोई दर्द रुलाने वाला

अब ख़ुशी है न कोई दर्द रुलाने वाला जगजीत सिंह

इंसान में हैवान यहाँ भी है वहाँ भी

इंसान में हैवान यहाँ भी है वहाँ भी अज्ञात

उस के दुश्मन हैं बहुत आदमी अच्छा होगा

उस के दुश्मन हैं बहुत आदमी अच्छा होगा घनशयाम वासवानी

कुछ तबी'अत ही मिली थी ऐसी चैन से जीने की सूरत ना हुई

कुछ तबी'अत ही मिली थी ऐसी चैन से जीने की सूरत ना हुई चंदन दास

कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गई

कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गई पंकज उदास

कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता

कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता अज्ञात

गिरजा में मंदिरों में अज़ानों में बट गया

गिरजा में मंदिरों में अज़ानों में बट गया अज्ञात

घर से निकले तो हो सोचा भी किधर जाओगे

घर से निकले तो हो सोचा भी किधर जाओगे दीपेन हालदार

चाँद से फूल से या मेरी ज़बाँ से सुनिए

चाँद से फूल से या मेरी ज़बाँ से सुनिए जगजीत सिंह

तन्हा तन्हा दुख झेलेंगे महफ़िल महफ़िल गाएँगे

तन्हा तन्हा दुख झेलेंगे महफ़िल महफ़िल गाएँगे ग़ुलाम अली

दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है

दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है जगजीत सिंह

दो चार गाम राह को हमवार देखना

दो चार गाम राह को हमवार देखना चंदन दास

धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो

धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो अज्ञात

नज़दीकियों में दूर का मंज़र तलाश कर

नज़दीकियों में दूर का मंज़र तलाश कर चंदन दास

बे-नाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता

बे-नाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता अज्ञात

बे-नाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता

बे-नाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता अज्ञात

बे-नाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता

बे-नाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता अज्ञात

बे-नाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता

बे-नाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता जगजीत सिंह

बेसन की सौंधी रोटी पर खट्टी चटनी जैसी माँ

बेसन की सौंधी रोटी पर खट्टी चटनी जैसी माँ Urdu Studio

बेसन की सौंधी रोटी पर खट्टी चटनी जैसी माँ

बेसन की सौंधी रोटी पर खट्टी चटनी जैसी माँ पंकज उदास

बिंदराबन के कृष्ण-कन्हैया अल्लाह-हू

बिंदराबन के कृष्ण-कन्हैया अल्लाह-हू अज्ञात

मैं रोया परदेस में भीगा माँ का प्यार

मैं रोया परदेस में भीगा माँ का प्यार जगजीत सिंह

मुँह की बात सुने हर कोई दिल के दर्द को जाने कौन

मुँह की बात सुने हर कोई दिल के दर्द को जाने कौन जगजीत सिंह

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रात के बा'द नए दिन की सहर आएगी अज्ञात

सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो

सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो चित्रा सिंह

हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा

हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा जगजीत सिंह

हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा

हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा तलअत अज़ीज़

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हर तरफ़ हर जगह बे-शुमार आदमी जगजीत सिंह

होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है

होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है जगजीत सिंह

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Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

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