aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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एजाज़-ए-मसीह

इस तलमीह / संकेत का संबंध हज़रत ईसा को प्राप्त चमत्कारी शक्ति से है। क़ुरआन के अनुसार हज़रत ईसा को ईश्वर ने कई चमत्कारी शक्तियाँ प्रदान की थीं। उन शक्तियों के संदर्भ में कई तलमीह / संकेत मिलते हैं। उदाहरण के तौर पर एजाज़-ए-मसीहा, एजाज़-ए-मसीहाई, दस्त-ए-मसीहा, दम-ए-ईसा, दस्त-ए-मसीहाई, क़ुम-बे-इज़निल्लाह, क़ुम ईसा, अहिया-ए-मौता आदि क़ुरआन में हज़रत ईसा के बारे में आता है कि उन को ईश्वर ने ये चमत्कारी शक्ति भी प्रदान की थी कि वो मृतक के पास जा कर क़ुम-बे-इज़निल्लाह (ईश्वर की आज्ञा से उठ जाओ) कहते तो वो जीवित हो जाता था इसी प्रकार वो जन्मजात अंधों को दृष्टी प्रदान कर सकते थे। कुष्ठ-रोगी एंव कोढ़ियों के रोग पर हाथ फेर कर स्वस्थ कर देते थे। इसी वजह से उन को मसीह और मसीहा की उपाधि मिली थी।

हर दर्द की दवा है जुज़ दर्द-ए-दिल की तुझ पास

तेरा मरीज़ मुनकिर ईसा के है नफ़्स का

मोहम्मद रफ़ी सौदा

जिंदा करना उस्तख़्वाँ को गर्चे था कार-ए-मसीह

जिंदा करना शौक़ को तुझ नाज़ का एजाज़ है

वली दकनी

बे-दम हुए बीमार दवा क्यूँ नहीं देते

तुम अच्छे मसीहा हो शिफ़ा क्यूँ नहीं देते

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

हिला तू भी लब को कि ईसा के दम की

चली जाए है बात मुद्दत से अब तक

मीर तक़ी मीर

हमारी लाश पे आवाज़-ए-क़ुम-बिइज़्निल्लाह

तुम के हज़रत-ए-ईसा अबस सुनाते हो

ज़ौक़

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