aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
"अभी तुम इश्क में हो " पंकज सुबीर की गजलों का संग्रह है। यह गजल संग्रह सुबीर ने मोहब्बत से भरे और अजल से प्रेम में पागल इश्क में डूबे दिलों को समर्पित किया है। जिसमें लगभग 66 ग़ज़लें, चार प्रेम गीत, 10 कविताएं और 10 प्रेम कहानियां सम्मिलित हैं मोहब्बत से सराबोर दिलों को इस ग़ज़ल संग्रह की गजलें जरूर पसंद आएंगी।
कहानियाँ, व्यंग्य लेख एवं कविताएँ कादम्बिनी, हँस, वागर्थ, नया ज्ञानोदय, समर लोक, संवेद वराणसी, जज्बात, आधारशिला, समर शेष है, राष्ट्रीय पत्रिका लफ में रचनाएँ प्रकाशित। भारतीय भाषा परिषद में 2005 एवं 2006 के युवा कथाकार विशेषांक में शामिल। भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा वर्ष 2007 के युवा लेखक विशेषांक में सम्मिलित। 'और कहानी मरती है...' के लिये प्रेमचंद सम्मान से सम्मानित।
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