Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : आबाद लखनवी

प्रकाशक : मुंशी नवल किशोर, लखनऊ

मूल : लखनऊ, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1918

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी, मुंशी नवल किशोर के प्रकाशन

उप श्रेणियां : संकलन

पृष्ठ : 236

सहयोगी : हैदर अली

baharistan-e-sukhan
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

पुस्तक: परिचय

“बहारिस्तान-ए-सुख़न” आबाद लखनवी का इंतिख़ाब है, जिसमें आतिश, नासिख़ और ख़ुद मुरत्तिब आबाद लखनवी का कलाम शामिल है। इस इंतिख़ाब की विशेषता यह है कि इस में तमाम ग़ज़लें हम-तरह हैं यानी तीनों शोअरा की ग़ज़लें एक ही क़ाफ़िया-ओ-रदीफ़ में तलाश कर के शामिल की गई हैं। यह इंतिख़ाब1918 में नवल किशोर लखनऊ, द्वारा प्रकाशित किया गया था। आबाद लखनवी का पूरा नाम मिर्ज़ा मेहदी हसन ख़ान और तख़ल्लुस आबाद है, उनका जन्म 1813 लखनऊ में हुआ और उनकी मृत्यु 1854 में हुई।

.....और पढ़िए
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लोकप्रिय और ट्रेंडिंग

सबसे लोकप्रिय और ट्रेंडिंग उर्दू पुस्तकों का पता लगाएँ।

पूरा देखिए

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए