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लेखक : मिर्ज़ा आसमान जाह अंजुम

V4EBook_EditionNumber : 001

प्रकाशक : राजा राम कुमार बुक डिपो, लखनऊ

मूल : लखनऊ, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1959

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : दीवान

पृष्ठ : 230

सहयोगी : अंजुमन तरक़्क़ी उर्दू (हिन्द), देहली

deewan-e-anjum

लेखक: परिचय

मिर्ज़ा आसमां जाह अंजुम, मिर्ज़ा वाजिद अली शाह अख्तर के बेटे थे । उनकी शायरी में एक तरह की रंगीनी और दिलकशी नज़र आती है । उनका दीवान दफ़्तर-ए-हसरत,दीवान-ए-अंजुम के नाम से भी प्रसिद्ध है । उनके कलाम में लखनऊ की शगुफ़्ता भाषा और मुहावरों का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है । लखनऊ के ही प्रसिद्ध शायर काहिश लखनवी का प्रस्तावना दीवान के अंत में है । उनका ये दीवान पहली बार मुंशी नवल किशोर से 1905 में प्रकाशित हुआ था ।

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