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लेखक : क़ाएम चाँदपुरी

संपादक : हसरत मोहानी

प्रकाशक : अहसनुल मताबे, अलीगढ़

प्रकाशन वर्ष : 1905

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : संकलन

पृष्ठ : 46

सहयोगी : इदारा-ए-अदबियात-ए-उर्दू, हैदराबाद

deewan-e-qayem

लेखक: परिचय

अठारहवीं सदी के मुम्ताज़ शाइ'रों की सफ़-ए-अव्वल में शामिल हैं। ‘क़ाएम’ चाँदपुरी की पैदाइश तक़रीबन 1725 में क़स्बा चाँदपुर, ज़िला बिजनौर के क़रीब 'महदूद' नाम के एक गाँव में हुई थी लेकिन बचपन से दिल्ली में आ रहे और अपने तज़्किरा ‘मख़्ज़न-ए–निकात’ की तारीख़-ए-तसनीफ़ या'नी 1755 तक शाही मुलाज़मत के सिलसिले से दिल्ली में रहे। दिल्ली की तबाही और हालात की ना-साज़गारी से बद-दिल होकर दिल्ली से टांडा पहुँचे। जब यहाँ के हालात भी अबतर हो गए तो उन्हें मजबूरन टांडा भी छोड़ना पड़ा। इस तरह उ’म्र भर रोज़गार की तलाश में हैरान-ओ-परेशान वो एक शहर से दूसरे शहर में फिरते रहे, आख़िर 1780 में रामपुर चले गए जहाँ 1794 में क़ैद-ए-हयात से नजात पाई।

इस्लाह-ए-शे'र-ओ-सुख़न के सिलसिले में 'क़ाएम' सब से पहले शाह हिदायत की सोहबत से फ़ैज़-याब हुए उसके बा’द पहले ख़्वाजा मीर 'दर्द' और फिर मोहम्मद रफ़ीअ’ 'सौदा' के शागिर्द हुए।

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