aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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लेखक : तअशशुक़ लखनवी

प्रकाशक : मतबा अलवी मोहम्मद अली बख़श ख़ाँ

प्रकाशन वर्ष : 1874

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : दीवान

पृष्ठ : 198

सहयोगी : रेख़्ता

guldasta-e-tashshuq

लेखक: परिचय

तअ’श्शुक़ लखनवी, सय्यद मीरजा़ उर्फ़ सय्यद साहब(1824-1892)मर्सिये के सबसे बड़े शाइ’र मीर ‘अनीस’ के पोते थे जिन्होंने मर्सिये और ग़ज़ल दोनों विधाओं में अपनी एक ख़ास पहचान बनाई। उनकी शाइ’री में ज़बान की सफ़ाई और चुस्ती दूर ही से नज़र आती है।

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