aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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लेखक : हैरत इलाहाबादी

V4EBook_EditionNumber : 001

प्रकाशक : अफ़रेशिया प्रिन्टिंग प्रेस, कराची

मूल : कराची, पाकिस्तान

प्रकाशन वर्ष : 1989

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : काव्य संग्रह

पृष्ठ : 196

सहयोगी : जामिया हमदर्द, देहली

कशकोल-ए-वफ़ा

लेखक: परिचय

हैरत इलाहाबादी, मोहम्मद जान ख़ाँ (1835-1892) ख़्वाजा ‘आतिश’ के शागिर्द मिर्ज़ा आ’जम अ’ली आ’ज़म और ‘वहीद’ इलाहाबाी के शागिर्द थ। इस तरह ‘अकबर’ इलाहाबादी के उस्ताद भाई हुए। अपने एक शे’र आगाह अपनी मौत से कोई बशर नहीं सामान सौ बरस के हैं पल की खबर नहीं के लिए मशहूर

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