Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक: परिचय

लाला देवी चन्द कपूर और पारबती [पार्वती]देवी के बेटे, स्वतंत्रता-सेनानी,पत्रकार और शायर लाल-चन्द साहित्य में लाल-चन्द फ़लक के नाम से जाने गए । वो अपनी नानिहाल हाफिज़ाबाद ज़िला गुजरांवाला में 13 जनवरी 1887 को जन्मे । पिता ग़ल्ले की दुकान चलाते थे । फ़लक ने शुरुआत में महाजनी अक्षर और अंक सीखे । सनातन धर्म हाई स्कूल में उर्दू, नागरी, संस्कृत ,फारसी और सामाजिक विज्ञान का अध्ययन किया । रामायण और गीता भी पाठ्यक्रम में शामिल था। 1902 में मिडिल पास किया। चीफ इंजीनियर के कार्यालय में काम सीखने के उद्देश्य से गए लेकिन अंग्रेजों के व्यवहार से नाराज़ होकर सरकारी नौकरी का ख्याल दिल से निकाल दिया । पुस्तक बेचने का काम भी  किया और उम्मीद पुस्तक एजेंसी के नाम से एक एजेंसी खोली । बेज़ार उर्फ हिन्दुस्तान गजट के नाम से अखबार निकला । सरदार नारायण पुरधनी के अखबार गुलनार में संपादक हुए । 1904 में शेर कहने की शुरुआत हुई, मुंशी द्वारका प्रसाद साहब उफ़ुक़ लखनवी के शिष्य हुए । 25 से ज़्यादा किताबें लिखीं । महाभारत को उपन्यास के रूप में लिखा। शायरी की सराहना करने वालों में दत्तात्रिया कैफ़ी और अल्लामा इकबाल के नाम उल्लेखनीय हैं। 1935 से 1946 तक बनने वाली कई फिल्मों के गीत उन्हीं के लिखे हुए हैं । 1917 में विद्रोह के जुर्म में 20 साल के लिए काले पानी की सजा हुई जो बाद में 14 साल की कैद में बदल दी गई। लेकिन 1920 में संवैधानिक सुधारों की वजह से रिहा कर दिए गए । उनका निधन 26 मार्च 1967 को दिल्ली में हुआ।

.....और पढ़िए
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक की अन्य पुस्तकें

लेखक की अन्य पुस्तकें यहाँ पढ़ें।

पूरा देखिए

लोकप्रिय और ट्रेंडिंग

सबसे लोकप्रिय और ट्रेंडिंग उर्दू पुस्तकों का पता लगाएँ।

पूरा देखिए

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए