Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : नसीम देहलवी

प्रकाशक : सय्यद इम्तियाज़ अली ताज, मज्लिस-ए-तरक़्क़ी-ए-अदब, लाहौर

प्रकाशन वर्ष : 1966

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : कुल्लियात

पृष्ठ : 608

सहयोगी : अंजुमन तरक़्क़ी उर्दू (हिन्द), देहली

कुल्लियात-ए-नसीम
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक: परिचय

नसीम देहलवी, असग़र अ’ली ख़ाँ(1799-1866)दिल्ली के एक भरे-पुरे घराने में पैदा हुआ मगर पिता के गुज़रने के बा’द भाइयों में जायदाद के बटवारे पर झगड़ा हुआ, जिस से बद-दिल हो कर लखनऊ चले गए और वहीं बस रहे। लखनऊ में माली दुश्वारियों में रहे मगर किसी के आगे हाथ नहीं फैलाया। मुंशी नवल किशोर के प्रेस में ‘दास्तान-ए-अल्फ़लैला’ के एक हिस्से का छंदबद्ध अनुवाद किया।


.....और पढ़िए
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक की अन्य पुस्तकें

लेखक की अन्य पुस्तकें यहाँ पढ़ें।

पूरा देखिए

लोकप्रिय और ट्रेंडिंग

सबसे लोकप्रिय और ट्रेंडिंग उर्दू पुस्तकों का पता लगाएँ।

पूरा देखिए

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए