aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : नियाज़ अली परीशान

प्रकाशक : मतबा मुफ़ीद-ए-आम, आगरा

प्रकाशन वर्ष : 1869

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : तज़्किरा / संस्मरण / जीवनी

पृष्ठ : 142

सहयोगी : अंजुमन तरक़्क़ी उर्दू (हिन्द), देहली

शेर-ओ-सुख़न

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