aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

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रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : सुदीप बनर्जी

V4EBook_EditionNumber : 001

प्रकाशक : मेयार पब्लिकेशंस, नई दिल्ली

मूल : दिल्ली, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1993

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : अनुवाद

उप श्रेणियां : शायरी

पृष्ठ : 125

अनुवादक : सुरूर अहमद, शाहिद माहुली

सहयोगी : सुंदरैया विग्नाना केन्द्रम, हैदराबाद

zakhmon ke kai naam

लेखक: परिचय

सुदीप बनर्जी का जन्म 16 अक्टूबर, 1946 को इंदौर (मध्य प्रदेश) में हुआ। शिक्षा उज्जैन में, जहाँ से अंग्रेजी साहित्य में एम.ए. (1967) तथा विधि स्नातक परीक्षा (1968) उत्तीर्ण की। दो वर्षों तक अग्रेजी साहित्य के प्राध्यापक रहने के बाद 1969 से 71 तक भारतीय पुलिस सेवा में कार्य। 1971 से भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रदेश व केन्द्र में विभिन्न पदों पर कार्य करने के उपरान्त तत्कालीन मध्य प्रदेश के आदिवासी क्षेत्र बस्तर में संभागायुक्त रहे। विभिन्न पदों पर रहते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय में शिक्षा सचिव के पद से अवकाश ग्रहण किया। छात्र जीवन से ही कविता, नाटक और अभिनय में सक्रिय दिलचस्पी रही। पहली कविता 1965 में ‘माध्यम’ में प्रकाशित। प्रायः सभी प्रमुख पत्रिकाओं का प्रकाशन। कुछ वर्षों के लिए मध्य प्रदेश शासन साहित्य परिषद् के सचिव और ‘साक्षात्कार’ पत्रिका के सम्पादक भी रहे।

कृतियाँ: ‘शब-गश्त’ (1980), ‘ज़ख़्मों के कई नाम ’ (1992) तथा ‘इतने गुमान’  (1997)। सभी कविता संग्रह। कविताओं का एक चयन ‘प्रतिनिधि कविताएँ’ शीर्षक से प्रकाशित। अब यह ताजा कविता संग्रह।

नाटक ‘किशनलाल’ 1981 में प्रकाशित, मंचित और चर्चित।

दो नाटक और कुछ कहानियाँ अप्रकाशित। एक उपन्यास अधूरा।

लंबी बीमारी के बाद 10 फरवरी, 2009 को निधन।

source:

https://www.rajkamalprakashan.com/index.php/default/jmproducts/filter/index/?author=991

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