Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : क़ाएम चाँदपुरी

संपादक : अनीस अशफ़ाक़

V4EBook_EditionNumber : 001

प्रकाशक : उत्तर प्रदेश उर्दू अकेडमी, लखनऊ

प्रकाशन वर्ष : 1983

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : संकलन

पृष्ठ : 132

सहयोगी : अंजुमन तरक़्क़ी उर्दू (हिन्द), देहली

intikhab-e-ghazliyat-e-qayem chandpuri
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक: परिचय

अठारहवीं सदी के मुम्ताज़ शाइ'रों की सफ़-ए-अव्वल में शामिल हैं। ‘क़ाएम’ चाँदपुरी की पैदाइश तक़रीबन 1725 में क़स्बा चाँदपुर, ज़िला बिजनौर के क़रीब 'महदूद' नाम के एक गाँव में हुई थी लेकिन बचपन से दिल्ली में आ रहे और अपने तज़्किरा ‘मख़्ज़न-ए–निकात’ की तारीख़-ए-तसनीफ़ या'नी 1755 तक शाही मुलाज़मत के सिलसिले से दिल्ली में रहे। दिल्ली की तबाही और हालात की ना-साज़गारी से बद-दिल होकर दिल्ली से टांडा पहुँचे। जब यहाँ के हालात भी अबतर हो गए तो उन्हें मजबूरन टांडा भी छोड़ना पड़ा। इस तरह उ’म्र भर रोज़गार की तलाश में हैरान-ओ-परेशान वो एक शहर से दूसरे शहर में फिरते रहे, आख़िर 1780 में रामपुर चले गए जहाँ 1794 में क़ैद-ए-हयात से नजात पाई।

इस्लाह-ए-शे'र-ओ-सुख़न के सिलसिले में 'क़ाएम' सब से पहले शाह हिदायत की सोहबत से फ़ैज़-याब हुए उसके बा’द पहले ख़्वाजा मीर 'दर्द' और फिर मोहम्मद रफ़ीअ’ 'सौदा' के शागिर्द हुए।

.....और पढ़िए
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक की अन्य पुस्तकें

लेखक की अन्य पुस्तकें यहाँ पढ़ें।

पूरा देखिए

लोकप्रिय और ट्रेंडिंग

सबसे लोकप्रिय और ट्रेंडिंग उर्दू पुस्तकों का पता लगाएँ।

पूरा देखिए

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए