aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
"नए नक़्क़ाद के नाम ख़ुतूत" नासिर अब्बास नैयर की एक ऐसी किताब है जो उर्दू अदब में तन्क़ीद की मौजूदा हालत और उसके किरदार को ख़ुतूत के ज़रिए बयान करती है। कोविड-19 वबा के दौरान तन्क़ीद के बारे में होने वाली तंज़-ओ-तज़हीक के पेश-ए-नज़र लिखी गई यह किताब, तन्क़ीद की बुनियादी अहमियत को वाज़ेह करती है। यह काम तन्क़ीद को फ़िक्री गुफ़्तुगू का एक अहम हिस्सा क़रार देता है जो समाजी तरक़्क़ी के लिए ज़रूरी है और तख़्लीक़ी अदब को समझने और सराहने में उसके किरदार को वज़ाहत के साथ पेश करता है, बग़ैर उसकी पाकीज़गी को कम किए। यह सतही रवैयों के बजाय फ़आल शिरकत और गहरी फ़हम की हौसला-अफ़ज़ाई करती है।
Jashn-e-Rekhta 10th Edition | 5-6-7 December Get Tickets Here