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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : जलाल लखनवी

प्रकाशक : मत्बा तस्वीर-ए- आलम, लखनऊ

प्रकाशन वर्ष : 1903

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : दीवान

पृष्ठ : 210

सहयोगी : राजा महमूदाबाद लाइब्रेरी, महमूदाबाद

nazm-e-nigareen
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लेखक: परिचय

जलाल लखनवी,मीर ज़ामिन अली(1834-1909)दाग़ देहलवी और अमीर मीनाई के समकालीन प्रमुख शाइर। लखनऊ में पैदा हुए और पले बढ़े। अच्छे हकीम थे। एक अरसे तक नवाब रामपुर और फिर नवाब मंगरौल (काठियावाड़) के दरबार से जुड़े रहे। आख़िरी दिनों में शाइरी के सिवा और कुछ न किया।

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