by मोहम्मद शरीफ़-उल-हक़ अमजदी
नुज़हतुल-क़ारी
शरह सहीहुल-बुखारी, खण्ड-009
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
शरह सहीहुल-बुखारी, खण्ड-009
किताब "नुज़हतुल क़ारी शर्ह बुख़ारी" (जिल्द ९) सहीह बुख़ारी की एक जामिअ और मुस्तनद शर्ह है, जिसे क़ुरआन पाक के बाद सबसे सहीह इस्लामी मत्न समझा जाता है। यह ग्रानक़दर तसनीफ़ फ़कीहुल हिंद अल्लामा मुफ़्ती मुहम्मद शरीफ़ुल हक़ अमजदी ने लिखी है और इसकी गहरी तशरीहात, अहादीस की बसीरत अफ़रोज़ ततबीक़, और दक़ीक़ तर्जुमों की वजह से इसकी बहुत पज़ीराई की जाती है। यह ख़ास जिल्द अहम इस्लामी मौज़ूआत जैसे किताबुल हियल, किताबुल अहकाम, और किताबुत तौहीद पर मुश्तमिल है, जो उलमाए किराम, तलबा और आम लोगों के लिए नबवी रिवायात की गहरी समझ हासिल करने के लिए एक अनमोल माख़ज़ है।
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