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सलफ़ से लोग उन पे मर रहे हैं हमेशा जानें लिया करेंगे

आग़ा हज्जू शरफ़

सलफ़ से लोग उन पे मर रहे हैं हमेशा जानें लिया करेंगे

आग़ा हज्जू शरफ़

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    सलफ़ से लोग उन पे मर रहे हैं हमेशा जानें लिया करेंगे

    यही करिश्मे हुआ किए हैं यही करिश्मे हुआ करेंगे

    हमें जो बे-जुर्म पीसते हो ये जानते हो कि क्या करेंगे

    ख़ुदा ने चाहा तो सुर्मा हो कर तुम्हारी आँखों में जा करेंगे

    रहने देंगे कभी वो बाहम तपाक देखेंगे उन में जिस दम

    बदन से ख़ारिज करेंगे जाँ को जिगर से दिल को जुदा करेंगे

    चमक है उस में मुहब्बताना ये बे-क़रारी है आशिक़ाना

    मज़ा उठाएँगे दर्द-ए-दिल का कभी इस की दवा करेंगे

    बढ़ा तो है रब्त हम से तुम से ख़ुदा ने चाहा तो देख लोगे

    तुम्हारे पहलू में यार दिल की तरह हमेशा रहा करेंगे

    किसी का एहसान हम लेंगे किसी को तकलीफ़ कुछ देंगे

    ख़ुदा ने पैदा किया है हम को ख़ुदा ही से इल्तिजा करेंगे

    जब आएँगे वो पए-अयादत तो होगी दिल को उम्मीद-ए-सेहहत

    ज़माना मुझ को दुआ करेगा मसीह मेरी दवा करेंगे

    नहीं ख़ुश-आमाल अगर नहीं हूँ फ़रिश्ते तुर्बत में ख़शमगीं हों

    ख़ुदा की रहमत से मुतमइन हूँ ये क्या करेंगे वो क्या करेंगे

    तमाम होते हैं देख जाऊँ जमाल के हमें दिखाओ

    तुम्हारे ग़म में लबों पे दम है कोई घड़ी में क़ज़ा करेंगे

    रहेगी याद उन की ख़ुश-ख़िरामी मिरा सुख़न है ये ला-कलामी

    क़दम पर्दे से वो निकालें मिरी नज़र में फिरा करेंगे

    रुलाए जाती है उन की हसरत चली ही आती है मुझ को रिक़्क़त

    रहेंगी काहे को मेरी आँखें जो यूँही आँसू बहा करेंगे

    मिला है आराम आशियाँ का नहीं कुछ अंदेशा बाग़बाँ का

    रिहा भी होंगे तो के अक्सर हम इस क़फ़स में रहा करेंगे

    कहीं ठिकाना नहीं हमारा तुम्हारी शफ़क़त का है सहारा

    ग़रीब हैं दो हमें दिलासा तुम्हारे हक़ में दुआ करेंगे

    लरज़ रहे हैं सताने वाले ख़ुदा के आगे कई हैं नाले

    गुरेज़ उन से करेगा महशर ये वो क़यामत बपा करेंगे

    अगर छुटे भी क़फ़स से बुलबुल करेगी बर्बाद हसरत-ए-गुल

    रसाई होगी आशियाँ तक चमन में तिनके चुना करेंगे

    क़ुबूल होगी दुआ हमारी करेंगे जिस दम हम आह-ओ-ज़ारी

    कभी जाएगी ऊपर ऊपर हमारी हाजत रवा करेंगे

    निगाहें उन पर जो हम ने डालीं उन्हों ने आँखें 'शरफ़' निकालीं

    सितम ये ढाया है कम-सिनी में जवान हो के वो क्या करेंगे

    स्रोत:

    Deewan-e-Sharf(Rekhta Website) (Pg. 252)

    • लेखक: आग़ा हज्जू शरफ़
      • प्रकाशक: मतबा जाफ़री, लख़नऊ
      • प्रकाशन वर्ष: 1875

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