Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

बिहार के शायर और अदीब

कुल: 81

18 वीं सदी के प्रमुख शायरों में शामिल / मीर तक़ी मीर के समकालीन

मशहूर अफ़्साना निगार और नॉवेल निगार, हिन्दुस्तान में साम्प्रदायिक दंगों के परिप्रेक्ष्य में कहनियाँ और उपन्यास लेखन के लिए जाने जाते हैं।

मीर के समकालीन, अज़ीमाबाद स्कूल के प्रतिष्ठित शायर, दिल्ली स्कूल के रंग में शायरी के लिए मशहूर

अग्रणी पूर्व-आधुनिक शायरों में विख्यात।

प्रतिष्ठित प्रगतिशील शायर,आलोचक,पटकथा लेखक,और गीतकार/ फ़िल्म 'बाजार' के गीत 'करोगे याद तो हर बात याद आएगी' के लिए प्रसिद्ध

उर्दू आलोचना मे कृतिमान स्थापित करने वाली किताब “काशिफ़-अल-हक़ाएक़” के लिए प्रसिद्ध

प्रमुख पूर्वाधुनिक शायर, अपने अपारम्परिक विचारों के लिए विख्यात

शायर और अफ़साना निगार, अपनी रचनाओं में साझा सांस्कृतिक परम्पराओं की पुनरवलोकन के लिए जाने जाते हैं.

प्रसिद्ध आलोचक, शोधकर्ता, कथाकार और शायर,अपनी रोमांटिक नज़्मों के लिए भी जाने गए।

शायर और लेखक, आज़ादी के बाद उर्दू नॉवेल की स्थिति पर एक किताब लिखी, पटना विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग से सम्बद्ध रहे

विख्यात प्रगतिवादी शायर

हास्य व्यंग्य के महत्वपूर्ण शायर

मुमताज़ उर्दू शायर, नक़्क़ाद और मुहक़्क़िक़, जो क्लासिकी और जदीद अदबी रिवायात से गहरा तअल्लुक़ रखते थे

सत्तर के दशक में उभरने वाले प्रसिद्ध कहानीकारों में शामिल. समाज की कड़वी सच्चाइयों की कहानियाँ लिखने के लिए मशहूर.

प्रसिद्ध शायर और लेखक, साहित्यिक पत्रिका ‘नदीम’ के सम्पादक, सय्यद सुलेमान नदवी के सहपाठी

बोलिए