हैदराबाद के शायर और अदीब
कुल: 208
क़ुली क़ुतुब शाह
उर्दू दीवान संकलित करने वाले पहले शायर, दक्षिण भारत की क़ुतुब शाही के बादशाह
अमीर मीनाई
दाग़ देहलवी के समकालीन। अपनी ग़ज़ल ' सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता ' के लिए प्रसिद्ध हैं।
जलील मानिकपूरी
सबसे लोकप्रिय उत्तर क्लासिकी शायरों में प्रमुख/अमीर मीनाई के शार्गिद/दाग़ देहलवी के बाद हैदराबाद के राज-कवि
मह लक़ा चंदा
महाराजा सर किशन परसाद शाद
मख़दूम मुहिउद्दीन
महत्वपूर्ण प्रगतिशील शायर। उनकी कुछ ग़ज़लें ' बाज़ार ' और ' गमन ' , जैसी फिल्मों से मशहूर
मुजतबा हुसैन
राशिदुल ख़ैरी
आधुनिक उर्दू गद्य के प्रथम पंक्ति के लिखने वालों में शामिल. इनके लेखन ने उर्दू में अफ़्सानानिगारी के रूझान को परवान चढ़ाया. ‘मुसव्विर-ए-ग़म’ के रूप में जाने जाते हैं.
सय्यद मुहीउद्दीन क़ादरी ज़ोर
अख़्तर अली अख़्तर
हैदराबाद के प्रसिद्ध शायर,जोश के समकालीन, दोनों के मध्य समकालिक नोक झोंक भी रही. अपनी लम्बी नज़्म ‘कौल फैसल’ के लिए प्रसिद्ध
ग़ौस ख़ाह मख़ाह हैदराबादी
ख़ुर्शीद अहमद जामी
नई ग़ज़ल के महत्वपूर्ण शायर
मीर आबिद अली खान
मिर्ज़ा सज्जाद बेग देहेल्वी
मुग़नी तबस्सुम
प्रमुख आलोचक / पत्रिका ‘शेर-ओ-हिक्मत’ के संपादक थे
सफ़ी औरंगाबादी
सय्यदा जाफ़र
शेर मोहम्मद ख़ाँ ईमान
- निवास : हैदराबाद
सुलैमान अरीब
आधुनिक साहित्य के संस्थापक पत्रिका के संपादक।
सय्यद वहीदुद्दीन सलीम
यूसुफ़ सरमस्त
यूसुफ़ आज़मी
आवारा हैदेराबादी
अबू मोहम्मद सय्यद अली सरीर
अलीउद्दीन नवेद
असलम इमादी
आज़ाद अंसारी
अल्ताफ़ हुसैन हाली के प्रमुख शिष्य
बिहारी लाल रमज़
बिस्मिल आग़ाई
हैरत बदायुनी
इफ़्फ़त मोहानी
- निवास : हैदराबाद