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उत्तर प्रदेश के शायर और अदीब

कुल: 1396

उर्दू में हास्य-व्यंग के सबसे बड़े शायर , इलाहाबाद में सेशन जज थे।

प्रमुख पूर्वाधुनिक शायरों में विख्यात, जिन्होंने आधुनिक उर्दू गज़ल के लिए राह बनाई/अपने गहरे आलोचनात्मक विचारों के लिए विख्यात/भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित

लखनऊ के अग्रगी क्लासिकी शायरों में विख्यात/मर्सिया के महान शायर

प्रमुख मर्सिया-निगार। मसनवी ‘सहर-उल-बयान’ के लिए विख्यात

18वीं सदी के बड़े शायरों में शामिल, मीर तक़ी 'मीर' के समकालीन।

मीर तक़ी 'मीर' के समकालीन। अग्रणी शायर जिन्होंने भारतीय संस्कृति और त्योहारों पर नज्में लिखीं। होली, दीवाली, श्रीकृष्ण पर नज़्मों के लिए मशहूर

18वी सदी के अग्रणी शायर, मीर तक़ी 'मीर' के समकालीन।

प्रख्यात उत्तर-आधुनिक शायर, 1996 में अचानक लापता हो गए।

बीसवीं सदी के महत्वपूर्ण विद्वान,लेखक, अनुवादक,उपन्यासकार, नाटककार. लखनऊ की सामाजिक व सांस्कृतिक जीवन के मर्मज्ञ.

विख्यात संस्कृत विद्वान, साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित।

प्रख्यात उत्तर-आधुनिक शायर, साहित्यिक पत्रिका दायरे के संपादक।

प्रख्यात पूर्व-आधुनिक शायर, अपने सूफ़ियाना लहजे के लिए प्रसिद्ध।

अग्रणी एवं प्रख्यात प्रगतिशील शायर, रोमांटिक और क्रांतिकारी नज़्मों के लिए प्रसिद्ध, ऑल इंडिया रेडियो की पत्रिका “आवाज” के पहले संपादक, मशहूर शायर और गीतकार जावेद अख़्तर के मामा

लखनऊ के प्रसिद्ध शायर, मिर्ज़ा दबीर के सुपुत्र, काव्य विद्या पर अपनी किताब ‘मिक़यासुल अशआर’ के लिए भी प्रसिद्ध

सूफ़ी शायर धार्मिक शायरी के लिए विख्यात

बीसवीं सदी के नामचीन हिंदी शायर और कथाकार, अपनी लोकप्रिय नज़्मों के साथ हिंदी में ग़ज़ल लेखन के लिए पहचाने जाते हैं

अग्रणी पूर्व-आधुनिक शायरों में शामिल, शायरी के उदास रंग के लिए विख्यात।

नासिख़ के शिष्य, मराठा शासक यशवंत राव होलकर और अवध के नवाब ग़ाज़ी हैदर की सेना के सदस्य

मिर्ज़ा ग़ालिब के समकालीन, 19वीं सदी की उर्दू ग़ज़ल का रौशन सितारा।

लखनऊ के मुम्ताज़ और नई राह बनाने वाले शायर/मिर्ज़ा ग़ालिब के समकालीन

सबसे महत्वपूर्ण आधुनिक शायरों में शामिल, अपने नव-क्लासिकी लहजे के लिए विख्यात।

बच्चों की शायरी के लिए प्रसिद्ध

सबसे प्रमुख पूर्वाधुनिक शायरों में शामिल अत्याधिक लोकप्रियता के लिए विख्यात

अपनी शायरी में महबूब के साथ मामला-बंदी के मज़मून के लिए मशहूर, नौजवानी में नेत्रहीन हो गए

कबीर

1440 - 1518

मध्यकालीन भक्ति-साहित्य की निर्गुण धारा (ज्ञानाश्रयी शाखा) के अत्यंत महत्त्वपूर्ण और विद्रोही संत-कवि।

आधुनिक उर्दू आलोचना के संस्थापको में अग्रणी।

19 वीं सदी के शायर

अवध के आख़िरी नवाब वाजिद अली शाह के बेटे और युवराज

विश्व प्रसिद्ध मसनवी " ज़हर-ए-इश्क़ " के रचयिता

प्रसिद्ध क्लासिकी शायर जिन्होंने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया

महत्वपूर्ण आधुनिक कथाकार, पुरातन लखनऊ के सांस्कृतिक परिदृश्य की रहस्यमयी कहानियाँ लिखने के लिए जाने जाते हैं। आलोचनात्मक आलेख और जीवनी की कई पुस्तकों की रचना की।

19वीं सदी में लखनऊ के अग्रणी शायरों में से एक, प्रख्यात मसनवी गुलज़ार-ए-नसीम के रचयिता

उर्दू हिंदी के पहले सशक्त फ़िक्शन-निगार, जिन्होंने उपन्यास और कहानी के माध्यम से समाजी सरोकारों को कलात्मक अभिव्यक्ति दी। उपन्यास-सम्राट के रूप में सर्वविदित।

उर्दू शायरी की विधा ' रेख़्ती ' के लिए प्रसिद्ध जिसमें शायर औरतों की भाषा में बोलता है

अनुवादक, कथाकार और शायर, अपनी किताब फ़साना-ए-आज़ाद के लिए मशहूर

शराब पर शायरी के लिए प्रसिध्द , जब कि कहा जाता है कि उन्हों ने शराब को कभी हाथ नहीं लगाया।

उपमहाद्वीप के प्रख्यात समकालीन शायरों में शुमार। ग़ज़ल व नज़्म दोनों में महारथ हासिल

उर्दू आलोचना के संस्थापकों में शामिल/महान इतिहासकार, स्कालर, राजनैतिक चिंतक और फ़ारसी शायर/अपने ग्रंथ ‘शेर-उल-अजम के लिए प्रसिद्ध

महत्वपूर्ण कथाकारों में शामिल, मंटो के समकालीन, रेडियो नाटकों के लिए भी प्रसिद्ध

अग्रणी आधुनिक शायरों और आलोचकों में विख्यात।

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

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