लखनऊ के शायर और अदीब
कुल: 290
प्रतिरोध और आधुनिक सामाजिक समस्याओं को अपनी शायरी में शामिल करनेवाली शायरा।
अज़ीज़ बानो दाराब वफ़ा
लखनऊ की प्रतिष्ठित शायरा जिन्होंने अपनी अभिव्यक्ति में स्त्रीत्व को जगह दी
असरार-उल-हक़ मजाज़
अग्रणी एवं प्रख्यात प्रगतिशील शायर, रोमांटिक और क्रांतिकारी नज़्मों के लिए प्रसिद्ध, ऑल इंडिया रेडियो की पत्रिका “आवाज” के पहले संपादक, मशहूर शायर और गीतकार जावेद अख़्तर के मामा
असरा रिज़वी
असमा रफ़अत हुसैन
असलम वाहिदी
- निवास : लखनऊ
- निवास : लखनऊ
आसिफ़ा ज़मानी
शायरा और फ़ारसी अदब की विद्वान, लखनऊ विश्वविद्यालय के फ़ारसी विभाग की अध्यक्ष रहीं
आशुतोष पांडे
आशुतोष द्विवेदी
असद अली ख़ान क़लक़
- निवास : लखनऊ
अवध के आख़िरी नवाब वाजिद अली शाह के प्रमुख दरबारी और आफ़ताबुद्दौला शम्स-ए-जंग के ख़िताब से सम्मानित शायर
अनवर जमाल अनवर
अनीस अशफ़ाक़
प्रसिद्ध कथाकार, शायर और आलोचक; लखनऊ की सभ्यता और सांस्कृतिक परिदृश्य पर उपन्यास लिखे
अम्न लख़नवी
राष्ट्रीय एकता, धार्मिक एकता और जज़्बा-ए-आज़ादी को समर्पित शायरी के लिए मशहूर , स्वतंत्रता सेनानी
अम्न इक़बाल
- निवास : लखनऊ
- निवास : लखनऊ
- निवास : लखनऊ
अम्बर बहराईची
विख्यात संस्कृत विद्वान, साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित।
अमानत लखनवी
अपने नाटक 'इन्द्र सभा' के लिए प्रसिद्ध, अवध के आख़िरी नवाब वाजिद अली शाह के समकालीन
अली ज़हीर रिज़वी लखनवी
अली जव्वाद ज़ैदी
प्रसिद्ध शायर और आलोचक, अपनी आलोचना की पुस्तक ‘दो अदबी स्कूल’ के लिए भी जाने जाते हैं
अली अब्बास हुसैनी
प्रसिद्ध अफ़्साना निगार, नाटककार और आलोचक। अपनी कहानी ‘मेला घुमनी’ के लिए मशहूर
अख़्तर हाशमी
पूर्वाधुनिक शायर, नज़्म और ग़ज़ल दोनों विधाओं में शायरी की; बच्चों के लिए भी बेहतरीन नज़्में लिखीं
आजिज़ मातवी
हनुमान प्रसाद शर्मा अज़ीज़ मातवी उरूज़ के माहिर और अरबी व फ़ारसी के विद्वान हैं
आइशा अय्यूब
अहसन रिज़वी
अहसन लखनवी
अहमद सग़ीर
- जन्म : संत कबीर नगर
- निवास : लखनऊ
अदनान हामिद
- निवास : लखनऊ
आबिद सुहैल
मुमताज़ सहाफ़ी और अफ़्साना निगार ,अपनी आत्मकथा ‘जो याद रहा’ के लिए मशहूर.
अब्दुल मुजीब सहालवी
अब्दुल हलीम शरर
बीसवीं सदी के महत्वपूर्ण विद्वान,लेखक, अनुवादक,उपन्यासकार, नाटककार. लखनऊ की सामाजिक व सांस्कृतिक जीवन के मर्मज्ञ.
अब्बास रज़ा नय्यर
आबाद लखनवी
आसी उल्दनी
लखनऊ के लोकप्रिय शायर और विद्वान, दाग़ और नातिक़ गुलावठी के शागिर्द. ग़ालिब और हाफ़िज़ के कलम की व्याख्यान की और अनुवाद किया. इसके अलावा उर्दू की क़दीम शायरात (प्राचीन कवयित्रियों) का तज़्किरा भी सम्पादित किया
- निवास : लखनऊ