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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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याद

MORE BYशौकत परदेसी

    रोचक तथ्य

    (This Nazm is voiced by Dilraj Kaur on the music of Jagjit Singh and is present in the album "Yad-e-Mehboob".)

    सुहानी रात में दिलकश नज़ारे याद आते हैं

    नहीं हो तुम मगर वो चाँद तारे याद आते हैं

    उसी सूरत से दिन ढलता है सूरज डूब जाता है

    उसी सूरत से शबनम में हर इक ज़र्रा नहाता है

    तड़प जाता हूँ मैं जब दिल ज़रा तस्कीन पाता है

    उसी अंदाज़ से मुझ को सहारे याद आते हैं

    नहीं हो तुम मगर वो चाँद तारे याद आते हैं

    अकेले मैं तुम्हारी याद से बच कर कहाँ जाऊँ?

    लब-ए-ख़ामोश की फ़रियाद से बच कर कहाँ जाऊँ?

    तुम्हीं कह दो दिल-ए-नाशाद से बच कर कहाँ जाऊँ?

    किनायों को भुलाता हूँ इशारे याद आते हैं

    नहीं हो तुम मगर वो चाँद तारे याद आते हैं

    निगाहों में अभी तक है उसी दिन रात का मंज़र

    तुम्हारे साथ में बीते हुए लम्हात का मंज़र

    मचलते, मुस्कुराते, जागते, जज़्बात का मंज़र

    तसव्वुर-आफ़रीं वो शाह-पारे याद आते हैं

    नहीं हो तुम मगर वो चाँद तारे याद आते हैं

    मिरी नज़रों से ओझल अब मक़ाम-ए-जोहद-ए-हस्ती है

    वो एहसास-ए-इशरत है, वो अंजुम-परस्ती है

    अकेला जान कर मुझ को मिरी तन्हाई डसती है

    मुझे बीते हुए लम्हात सारे याद आते हैं

    नहीं हो तुम मगर वो चाँद तारे याद आते हैं

    तमन्नाओं के मेले अब नहीं लगते कभी दिल में

    कशिश बाक़ी रही कोई राहों में, मंज़िल में

    धुआँ सा अब नज़र आता है मुझ को माह-ए-कामिल में

    तुम्हारे साथ जितने दिन गुज़ारे याद आते हैं

    नहीं हो तुम मगर वो चाँद तारे याद आते हैं

    गिला इस का नहीं क्यूँ तुम ने मुझ से अपना मुँह मोड़ा

    नहीं क़ाबू था अपने दिल पे पैमान-ए-वफ़ा तोड़ा

    तुम्हारी याद ने लेकिन क्यूँ अब तक मुझे छोड़ा

    ये क्यूँ पैहम मुझे पैमाँ तुम्हारे याद आते हैं

    नहीं हो तुम मगर वो चाँद तारे याद आते हैं

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