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नज़्में

नज़्म, उर्दू में एक विधा के रूप में, उन्नीसवीं सदी के आख़िरी दशकों के दौरान पैदा हुई और धीरे धीरे पूरी तरह स्थापित हो गई। नज़्म बहर और क़ाफ़िए में भी होती है और इसके बिना भी। अब नसरी नज़्म (गद्द-कविता) भी उर्दू में स्थापित हो गई है।

1965

सुप्रसिद्ध कवयित्री

1921 -1989

तसव्वुफ़ और धार्मिक सहिष्णुता की भावना से समर्पित शायरी के लिए जाने जाते हैं. महत्वपूर्ण मज़हबी और रूहानी व्यक्तियों पर नज़्में लिखीं

1932 -1963

प्रगतिवादी विचारधारा से प्रभावित शायर, कम उम्री में आत्महत्या की

पाकिस्तान के नज़्मों के महत्वपूर्ण शायर

1980 -2015

पाकिस्तान के नामचीन नौजवान शायर, कम उम्र में एक जानलेवा बीमारी से देहांत हुआ

1924 -1980

तमिलनाडु के अहम शायर, अपने क़तात के लिए जानेजाते हैं

1929 -1998

प्रख्यात और लोकप्रिय हास्य-व्यंग शायर

1930 -1992

रूमानी शायरों में शामिल, ‘रुमानियात’ के नाम से उर्दू की रूमानी शायरी का एक चयन भी प्रकाशित.

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