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शौकत हयात

1950 - 2021 | पटना, भारत

सत्तर के दशक में उभरने वाले प्रसिद्ध कहानीकारों में शामिल. समाज की कड़वी सच्चाइयों की कहानियाँ लिखने के लिए मशहूर.

सत्तर के दशक में उभरने वाले प्रसिद्ध कहानीकारों में शामिल. समाज की कड़वी सच्चाइयों की कहानियाँ लिखने के लिए मशहूर.

शौकत हयात की कहानियाँ

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गुंबद के कबूतर

विभाजन और हिजरत से दोचार एक मुहाजिर की कहानी। वह अपनी जड़ों को पीछे छोड़ आया था और यहाँ इस छोटे से फ़्लैट में आ बसा था। इस कॉलोनी में अधिकतर मुहाजिर परिवार ही बसे हुए थे। हर किसी का एक-दूसरे से मिलना जुलना था। मगर हर कोई अपने अंदर एक ख़ालीपन लिए घूमता रहता था। वह भी अपने इसी ख़ालीपन से जूझ रहा था। इससे बचने के लिए उसने फ़्लैट की बालकोनी में कुछ पौधे लगवा लिए थे। वह कुर्सी पर बैठा आसमान को घूरता रहता, जिस पर बेशुमार कबूतर घूम रहे होते, जो कभी-कभी सुस्ताने के लिए पास के गुंबद पर जा बैठते। वह उन कबूतरों को देखता और जब उसे अपने हालात का एहसास होता तो वह फ़्लैट से निकलता और अपने किसी पड़ोसी के पास मिलने के लिए निकल पड़ता।

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

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