aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Mahmood Ayaz's Photo'

महमूद अयाज़

1929 - 1997 | बैंगलोर, भारत

अपनी साहित्यिक पत्रिका 'सौग़ात' के लिए विख्यात।

अपनी साहित्यिक पत्रिका 'सौग़ात' के लिए विख्यात।

महमूद अयाज़

ग़ज़ल 15

नज़्म 18

अशआर 10

लफ़्ज़ मंज़र में मआनी को टटोला करो

होश वाले हो तो हर बात को समझा करो

वो नहीं है सही तर्क-ए-तमन्ना करो

दिल अकेला है इसे और अकेला करो

चाँद ख़ामोश जा रहा था कहीं

हम ने भी उस से कोई बात की

शम-ए-शब-ताब एक रात जली

जलने वाले तमाम उम्र जले

जीने वालों से कहो कोई तमन्ना ढूँडें

हम तो आसूदा-ए-मंज़िल हैं हमारा क्या है

पुस्तकें 49

ऑडियो 12

अस्पताल का कमरा

ऐ जू-ए-आब

नया सफ़र

Recitation

 

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए