aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "urdu-ghar"
उर्दू घर, दिल्ली
पर्काशक
उर्दू घर, अलीगढ़
उर्दू घर, धारवाड़
उर्दू घर, मैसूर
उर्दू घर, कराची
उर्दू घर, इलाहाबाद
उर्दू घर धारवाड़, बंगलौर
उर्दू किताब घर, लखनऊ
उर्दू किताब घर, हैदराबाद
उर्दू किताब घर, दिल्ली
कारपर्दाज़ाने-उर्दू किताब घर, लाहौर
उर्दू किताब घर, पुना
आल इंडिया उर्दू तालीम घर, लखनऊ
नया उर्दू किताब घर, मुम्बई
उर्दू नसर गाह, दिल्ली
उर्दू-घर का हाल भी देखा'ग़ालिब' के घर टाल भी देखा
कई दीवान ग़ाएब हो चुके हैंन उर्दू-घर में तुम दरबान रखना
'अदू ग़ैर ने तुझ को दिलबर बनायाकोई जोड़ मुझ पर मुक़र्रर बनाया
मेरे इर्द-गर्द इक हिसार हैइक हिसार जिस के गीर-ओ-दार मैं
तब्दील करना चाहता हूँउसे अपने इर्द-गर्द
आधुनिक उर्दू नज़्म के संस्थापकों में शामिल। अग्रणी फ़िल्म-संवाद लेखक। फ़िल्म ' वक़्त ' और ' क़ानून ' के संवादों के लिए मशहूर।
घर के मज़मून की ज़्यादा-तर सूरतें नई ज़िंदगी के अज़ाब की पैदा की हुई हैं। बहुत सी मजबूरियों के तहत एक बड़ी मख़लूक़ के हिस्से में बे-घरी आई। इस शायरी में आप देखेंगे कि घर होते हुए बे-घरी का दुख किस तरह अंदर से ज़ख़्मी किए जा रहा है और रूह का आज़ार बन गया है। एक हस्सास शख़्स भरे परे घर में कैसे तन्हाई का शिकार होता है, ये हम सब का इज्तिमाई दुख है इस लिए इस शायरी में जगह जगह ख़ुद अपनी ही तस्वीरें नज़र आती हैं।
उर्दू-घरاردو گھر
House of Urdu
Taruf Anjuman Taraqqi Urdu Hind
आल-ए-अहमद सुरूर
Baba-e-Urdu Ke Ghair Mudavvan Tabsire
सय्यद जावेद इक़बाल
टिप्पणी
Mazloom Urdu Ki Dastan-e-Gham
मौलवी फ़िदा हुसैन ख़ाँ
Urdu Ke Ghair Muslim Afsana Nigar
दीपक बुदकी
तज़्किरा / संस्मरण / जीवनी
Urdu Ke Ghair Muslim shura Tareekh-o-Tanqid
असलम आज़ाद
Urdu Ke Ghair Muslim Shuara-o-Udaba
शहज़ाद अंजुम
शोध
Urdu Ki Majallati Sahafat Aur Ghair Mulki Idare
आलोचना
Urdu Ki Dilchasp Aur Ghair Maroof Sanatein
मुशाहिद रिज़वी
Tazkira Ghair Muslim Shora-e-Urdu Seetapur
वसी सीतापुरी
All India Ghair Muslim Urdu Musannafeen Conference
Ghair Matbua Mirza Ghalib Urdu
जावेद हुसैन
Rajasthan Mein Urdu Zaban-o-Adab Keliye Ghair Muslim Hazrat Ki Khidmat
अबुल फ़ैज़ उस्मानी
भाषा एवं साहित्य
झारखण्ड में उर्दू के ग़ैर मुस्लिम फ़नकार
डॉ. नुज़हत परवीन
महिलाओं की रचनाएँ
Hyderabad Mein Ghair Muslimon Ki Urdu Khidmat
सय्यद बशीर अहमद
Urdu Ke Mumtaz Ghair Muslim Nazm Nigar
सय्यद मोहम्मद नासिर जलाली
एक मैं ही नहींयहाँ मेरे इर्द-गर्द
मुझ को अब सिर्फ़ उसी दिन की तमन्ना है 'सहाब'बोली जाएगी मिरे मुल्क में घर घर उर्दू
इर्द-गर्द सेपरछाईं की तरह गुज़रता चला गया)
'कैफ़' उर्दू के जो मुख़ालिफ़ हैंउन के घर की ज़बान है उर्दू
अपनी तहज़ीब है और अपनी ज़बाँ है उर्दूअपने घर में मगर अफ़सोस कहाँ है उर्दू
आरज़ू ग़म उमीद महरूमीनींद की गोलियाँ गुलाब के फूल
हर आदमी के दिल में घर कर रही है 'शातिर'महबूब मेहरबाँ है उर्दू ज़बाँ हमारी
ख़ादिम हैं तो उर्दू की यूँ ख़िदमत करतेबे-लौस कभी इस से मोहब्बत करते
'इश्क़-ए-उर्दू है 'मीर' हैं हम भीग़म-कदे के असीर हैं हम भी
उर्दू हिन्दी प्यारी बहनेंप्यार का गहना दोनों पहनें
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