आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "یورش_برق_و_شرر"
शेर के संबंधित परिणाम "یورش_برق_و_شرر"
शेर
शबाब-ए-हुस्न है बर्क़-ओ-शरर की मंज़िल है
ये आज़माइश-ए-क़ल्ब-ओ-नज़र की मंज़िल है
ग़ुलाम रब्बानी ताबाँ
शेर
गुलों का ज़िक्र बहारों में कर चुके 'अख़्तर'
अब आओ होश में बर्क़-ओ-शरर की बात करो
अख़्तर अंसारी अकबराबादी
शेर
अज़ीज़ान-ए-वतन को ग़ुंचा ओ बर्ग ओ समर जाना
ख़ुदा को बाग़बाँ और क़ौम को हम ने शजर जाना
चकबस्त बृज नारायण
शेर
मता-ए-बर्ग-ओ-समर वही है शबाहत-ए-रंग-ओ-बू वही है
खुला कि इस बार भी चमन पर गिरफ़्त-ए-दस्त-ए-नुमू वही है
ग़ुलाम हुसैन साजिद
शेर
क्यूँ शेर-ओ-शायरी को बुरा जानूँ 'मुसहफ़ी'
जिस शायरी ने आरिफ़-ए-कामिल किया मुझे