आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "उथला-पन"
शेर के संबंधित परिणाम "उथला-पन"
शेर
ज़मीं ने ख़ून उगला आसमाँ ने आग बरसाई
जब इंसानों के दिल बदले तो इंसानों पे क्या गुज़री
साहिर लुधियानवी
शेर
पैराहन बाक़ी है मेरे जिस्म पे अब भी उजला सा
शायद इश्क़ मुकम्मल नाज़िल होना अब भी बाक़ी है
एहतमाम सादिक़
शेर
सहज याद आ गया वो लाल होली-बाज़ जूँ दिल में
गुलाली हो गया तन पर मिरे ख़िर्क़ा जो उजला था
वली उज़लत
शेर
ख़्वाहिश-ए-वस्ल का मज़मूँ जो किसी सत्र में था
क्या कहूँ ख़त को मिरे पढ़ के वो क्या क्या उछला