आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "rijhaa.e"
शेर के संबंधित परिणाम "rijhaa.e"
शेर
सभी रिश्ते गुलाबों की तरह ख़ुशबू नहीं देते
कुछ ऐसे भी तो होते हैं जो काँटे छोड़ जाते हैं
वसीम बरेलवी
शेर
प्यार के बंधन ख़ून के रिश्ते टूट गए ख़्वाबों की तरह
जागती आँखें देख रही थीं क्या क्या कारोबार हुए