aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "نعلین"
नालैन मुबारक का हुआ फ़ख़्र जो हासिलबस झूम गया अर्श-ए-मुअ'ल्ला शब-ए-मेराज
सब्ज़गी ने ग़िलाफ़ काढ़ लियाऔर नालैन की सताइश की
उजालता हूँ मैं नालैन-ए-पा-ए-लख़्त-ए-जिगरकि मदरसे को चला इल्म का ख़ज़ाना कोई
ये आसमाँ ज़मीन की नालैन रह गयाबदले में उस को तारे उगाने दिए गए
फ़लक पे रौंदा था नालैन से जिन्हें इक रोज़वो हम ने रास्ते देखे हैं कहकशाँ वाले
शायद नसीब बोसा-ए-नालैन-ए-यार होजो ख़ाक हो तो ख़ाक-ए-सर-ए-रहगुज़ार हो
आइंदा शाम को हम रोया कुढ़ा करेंगेमुतलक़ असर न देखा नालीदन-ए-सहर में
दो-नाली बंदूक़ चलाऊँजंगल में कोहराम लिखूँ
बस्ती ने नदियाँ खा लींजमुना जी अब नाली है
अच्छे-ख़ासे सहन में मेरेबारिश ने बनवा दी नाली
क्या मैं फिर भी न करूँ आग सुलगने का गुमाँजब मिरी साँस की नाली में धुआँ आ निकले
हुस्न-ए-ग़ज़ल बद-हाली मेंसारे दीवाँ नाली में
नेकियाँ नामा-ए-सियाह में हैंजैसे नाली में कुछ गुहर दाने
ज़ालिम ख़बर तो ले कहीं 'क़ाएम' ही ये न होनालान ओ मुज़्तरिब पस-ए-दीवार है कोई
बहाव आए दिन उम्र-ए-रवाँ का घटता जाता हैये ठाठें मारती नद्दी भी नाली होती जाती है
बारूद की नालें न जहाज़ों की सदाएँसोचों की कमानों पे चढ़े तीर डराएँ
بندو بھوت لئی سا توشہ کہ منزیل دور جانا ہےبزاں بھی کوئی نالیا سے لیجا اسے سوچ کھانا ہے
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