आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "गिल"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "गिल"
ग़ज़ल
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें
जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें
अहमद फ़राज़
ग़ज़ल
जल्वा ज़ार-ए-आतिश-ए-दोज़ख़ हमारा दिल सही
फ़ित्ना-ए-शोर-ए-क़यामत किस के आब-ओ-गिल में है
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
न उट्ठा फिर कोई 'रूमी' अजम के लाला-ज़ारों से
वही आब-ओ-गिल-ए-ईराँ वही तबरेज़ है साक़ी
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
हाँ किस के पा-ए-दिल में है ज़ंजीर-ए-आब-ओ-गिल
कह दो कि दाम-ए-ज़ुल्फ़ में आए हुए हैं हम