आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "gaaliyaa.n"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "gaaliyaa.n"
ग़ज़ल
एक ये दिन जब सारी सड़कें रूठी रूठी लगती हैं
एक वो दिन जब आओ खेलें सारी गलियाँ कहती थीं
जावेद अख़्तर
ग़ज़ल
अपनी गलियाँ अपने रमने अपने जंगल अपनी हवा
चलते चलते वज्द में आएँ राहों में बे-राह चलें
जौन एलिया
ग़ज़ल
वो अपने गाँव की गलियाँ थीं दिल जिन में नाचता गाता था
अब इस से फ़र्क़ नहीं पड़ता नाशाद हुआ या शाद हुआ
नोशी गिलानी
ग़ज़ल
सब यारों के होते सोते हम किस से गले मिल कर रोते
कब गलियाँ अपनी गलियाँ थीं कब शहर हमारा उस दिन था
अहमद फ़राज़
ग़ज़ल
मोहसिन नक़वी
ग़ज़ल
इन दिनों गरचे दकन में है बड़ी क़द्र-ए-सुख़न
कौन जाए 'ज़ौक़' पर दिल्ली की गलियाँ छोड़ कर