आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ghataayaa"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "ghataayaa"
ग़ज़ल
ज़ालिम के आगे सर को झुकाया नहीं कभी
या'नी कि क़द को अपने घटाया नहीं कभी
ज़ुबैर अहमद तन्हा मलिक रामपुरी
ग़ज़ल
मुझ में से तुझ को घटाया तो पता है क्या हुआ
मुझ में से तुझ को घटाया तो बचा कुछ भी नहीं
विहान गुप्ता गर्ग
ग़ज़ल
तिश्ना-ए-ख़ूँ है अपना कितना 'मीर' भी नादाँ तल्ख़ी-कश
दम-दार आब-ए-तेग़ को उस के आब-ए-गवारा जाने है