आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "jahaan-e-ilm"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "jahaan-e-ilm"
ग़ज़ल
इब्न-ए-इंशा
ग़ज़ल
हम से मिल के फ़ितरत के पेच-ओ-ख़म को समझोगे
हम जहान-ए-फ़ितरत का इक सुराग़ हैं यारो
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "jahaan-e-ilm"
हम से मिल के फ़ितरत के पेच-ओ-ख़म को समझोगे
हम जहान-ए-फ़ितरत का इक सुराग़ हैं यारो