आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "mii.aad"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "mii.aad"
ग़ज़ल
तिरी मी’आद-ए-ग़म पूरी हुई ऐ ज़िंदगी ख़ुश हो
क़फ़स टूटे न टूटे मैं तुझे आज़ाद करता हूँ
हरी चंद अख़्तर
ग़ज़ल
मैं अज़िय्यत की गुफाओं में कराहूँ कब तक
बे-गुनाही की सज़ा के लिए मीआ'द है क्या
आरिफ़ अब्दुल मतीन
ग़ज़ल
दिल अपना वादी-ए-ग़ुर्बत में शायद मर रहा जा कर
न आने की भी इक मीआद है कब तक नहीं आता