आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "sahuu.n"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "sahuu.n"
ग़ज़ल
रोज़ वफ़ाएँ भी करूँ रोज़ जफ़ाएँ भी सहूँ
बंदा-ए-हुस्न हूँ मगर हुस्न मिरा ख़ुदा नहीं
राजेन्द्र बहादुर माैज
ग़ज़ल
आरिफ हसन ख़ान
ग़ज़ल
शमशाद शाद
ग़ज़ल
फिर से किसी को दिल में बसाऊँ फिर से किसी के दर्द सहूँ
ये दिल का आँगन है सूना सूना भी हो सकता है
हैदर जाफ़री
ग़ज़ल
मैं एक अकेला हूँ लेकिन ज़ालिम का ज़माना साथी है
वो ज़ुल्म करे मैं ज़ुल्म सहूँ ये रस्म अभी तक बाक़ी है
इनायतुल्लाह ख़ान सोज़
ग़ज़ल
जब्र सहता हूँ मगर कब तक सहूँ इंसान हूँ
सब्र करता हूँ मगर दिल सब्र के क़ाबिल नहीं
अकबर हैदरी कश्मीरी
ग़ज़ल
सर-कशी उस की भला कैसे सहूँ मैं हर बार
मैं भी इंसान हूँ कुछ मैं भी अना रखता हूँ
सय्यद तनवीर रज़ा आबिदी
ग़ज़ल
मुझ से कहते हैं कि मैं ज़ुल्म सहूँ कुछ न कहूँ
हर्फ़-ए-हक़ सिर्फ़ किताबों में पढ़ूँ कुछ न कहूँ