aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम ".hvba"
मिरी सूरत भी तुझ सी हू-ब-हू हैबहुत अर्से से ख़ुद में मैं हूँ ग़ाएब
हू-ब-हू वो हैंउसे मैं साथ लाऊँगा
दिल ये कहता है वही है हू-ब-हूजिस को देखा था कभी और सामने पाया न था
जो मेरे रू-ब-रू हैमेरा हू-ब-हू है
उस ने सर-सय्यद की दाढ़ी हू-ब-हूपिलपिले तरबूज़ पर
इक नज़्म मिलती हैहू-ब-हू तुम्हारे जैसी
हू-ब-हू उन की तरहउन पय वार किया तो
हू-ब-हू जन्नत है ये सारे नज़ारेलेकिन इक दिन ये नज़ारे ही
बरस कर अपनी सूरत हू-ब-हू रखना नहीं आतासो जब इस ख़ूब-सूरत के
अभी तो शम्स के माथे पे कोई बल भी नहींअभी तो चाँद की हैअत भी हू-ब-हू है वही
मेरा इक शख़्स खो गया है कहींउस की सूरत है हू-ब-हू मुझ सी
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books