आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "yahii.n"
नज़्म के संबंधित परिणाम "yahii.n"
नज़्म
क्या यही कुछ मिरी क़िस्मत में लिखा है तू ने
हर मसर्रत से मुझे आक़ किया है तू ने
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
तुम्हें प्यार है, तो यक़ीन दो,
मुझे न कहो, तुम्हें प्यार है, मुझे देखने की न ज़िद करो,
आरिफ़ इशतियाक़
नज़्म
पहले तो हुस्न-ए-अमल हुस्न-ए-यक़ीं पैदा कर
फिर इसी ख़ाक से फ़िरदौस-ए-बरीं पैदा कर