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कुछ सवाल, कुछ जवाब

फ़िक्र तौंसवी

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फ़िक्र तौंसवी

MORE BYफ़िक्र तौंसवी

     

    सवाल, “सोशलिज़्म के नारे की कितनी अहमियत है?”
    जवाब, “अमीरों की डाइनिंग टेबल के एक लुक़्मे की।”  

    सवाल, “वो लोग कहाँ गए जो कहा करते थे मुल्क में इन्क़लाब लाएँगे।”
    जवाब, “वो मुंदरजा ज़ैल मुक़ामात पर मिल जाएंगे।”

    (1) पब्लिक पार्क में गली सड़ी मूंगफलियाँ खाते हुए।
    (2) राजमहलों में पिसते खाकर मूंगफलियों पर आँसू बहाते हुए।” 

    सवाल, “आशिक़ों और बूढ़ों को नींद क्यों नहीं आती?”
    जवाब, “आशिक़ों को महबूबा और बूढ़ों को मौत के इंतज़ार में। दोनों न जाने कब टपक पड़ें।” 

    सवाल, “वो कौन सी आँख है जो रोती नहीं मगर आँसू बहाती है?”
    जवाब, “लीडर की आँख।” 

    सवाल, “इस दुनिया से नाता कब तोड़ना चाहिए?”
    जवाब, “जब दुनिया आपसे नाता तोड़ले।” 

    सवाल, “अपने हुस्न का ठीकरा लेकर मैंने कई मकानों के किवाड़ खटखटाए, लेकिन किसी ने मुझे भीक नहीं दी?”
    जवाब, “आप ने ख़ाली मकानों के दर खट खटाए होंगे।”

    सवाल, “गाय की ख़िदमत करना बेहतर है या इंसान की?”
    जवाब, “गाय की, क्योंकि इंसान की ख़िदमत करेंगे तो वो आपकी गाय भी चुरा लेगा।” 

    सवाल, “क्या ये सच है कि महबूबा की आवाज़ कानों में रस घोल देती है?”
    जवाब, “ये कानों की क्वालिटी पर मुनहसिर है।” 

    सवाल, “इंसान दूसरों की नज़र में गिरना क्यों पसंद नहीं करता?”
    जवाब, “क्योंकि अपनी ही नज़र में गिरना काफ़ी होता है।”

    सवाल, “बहादुर शाह ज़फ़र ने ये शे’र क्यों लिखा था,

    है कितना बदनसीब ज़फ़र दफ़न के लिए
    दो गज़ ज़मीं भी न मिली कू-ए-यार में” 

    जवाब, “उन दिनों दिल्ली में ज़मीन बहुत महंगी होगी और बहादुर शाह ज़फ़र की इक़्तिसादी पोज़ीशन बड़ी नाज़ुक थी।” 

    सवाल, “कहते हैं पोलिटिक्स बहुत ग़लीज़ गेम होती है तो फिर अच्छे आदमी उसमें क्यों फँसते हैं?”
    जवाब, “आपसे किस ने कहा कि वो अच्छे आदमी होते हैं।” 

    सवाल, “फूल कब पत्थर बन जाते हैं?”
    जवाब, “जब कोई ख़ूबसूरत लड़की लेडी पुलिस में भर्ती होजाती है।” 

    सवाल, “मैं किसी भैंस के आगे बीन बजाना चाहता हूँ, किसी माक़ूल भैंस का पता बताइए।” 
    जवाब, “फ़िक्र तौंसवी, मार्फ़त गुल मोहर पार्क दिल्ली।” 

    सवाल, “इश्क़ का आग़ाज़ क्या होता है और अंजाम क्या?”
    जवाब, “उस इश्क़ का आग़ाज़ ही नहीं होता जिसका अंजाम हो जाए।” 

    सवाल, “मेरे इश्क़ का सूरज ग़ुरूब हो गया है यानी मेरी महबूबा की शादी हो गई है। लेकिन वो अभी तक मेरे ख़्वाबों में क्यों आजाती है?”
    जवाब, “सूरज डूबने के बाद कुछ देर तक उसकी किरनें काँपती रहती हैं।” 

    सवाल, “लव मैरिज के बाद कौन सी मंज़िल होती है?”
    जवाब, “आलू गोभी की।” 

    सवाल, “जब लीडर स्टेज पर तक़रीर कर रहा होता है तो क्या सोचता है?”
    जवाब, “लीडर सोचे बग़ैर तक़रीर करता है।” 

    सवाल, “शनीद में आया है कि जब फ़िल्म एक्ट्रसों के हाँ बच्चा तवल्लुद होता है तो वो उसे अपना दूध नहीं पिलातीं इसकी वजह क्या होगी?”
    जवाब, “वो दलील देती हैं कि हम माएं हैं, मिल्क बूथ नहीं हैं।” 

    सवाल, “बेवक़ूफ़ दोस्त कौन होता है और दाना दुश्मन कौन?”
    जवाब, “पतिव्रता स्त्री और जनता का लीडर।” 

    सवाल, “आजकल के लोग ग्लिसरीन के आँसू बहाते हैं। असली आँसू क्यों नहीं बहाते?”
    जवाब, “ग्लिसरीन के आँसू सस्ते पड़ते हैं।” 

    सवाल, “ख़रबूज़े को देखकर ख़रबूज़ा रंग पकड़ता है। कैसे?”
    जवाब, “जैसे जेब कतरे को देखकर पुलिस वाला रंग पकड़ता है।” 

    सवाल, “वो कौन से मोअज़्ज़िज़ीन हैं जो हिंदुस्तान और पाकिस्तान को एक निगाह से देखते हैं?”
    जवाब, “स्मगलर।” 

    सवाल, “राजा इंद्र के दरबार में जो अप्सराएं रक़्स करती थीं, वो आजकल कैबरे डांसर बन गई हैं तो राजा इंद्र कहाँ गया?”
    जवाब, “ब्लैक में कैबरे डांसर की टिकटें बेचता है।” 

    सवाल, “हिंदुस्तानी सोशलिज़्म से सबसे बड़ा ख़तरा किस को है?”
    जवाब, “सोशलिज़्म को।” 

    सवाल, “चांद में जो बुढ़िया बैठी चर्ख़ा काता करती थी, वो कहाँ गई?”
    जवाब, “टेक्सटाइल में नौकर हो गई।” 

    सवाल, “आशिक़ को किस वक़्त भयानक सपने आने लगते हैं?”
    जवाब, “जब महबूबा तंग आकर ब्याह का मुतालिबा कर बैठे।” 

    सवाल, “में किसी अमीर-ओ-कबीर हसीना की रिफ़ाक़त में घूमना चाहता हूँ। कोई मुजर्रब नुस्ख़ा बताइए।” 
    जवाब, “उसकी कार के ड्राइवर बिन जाइए।” 

    सवाल, “शादी अगर इश्क़ की क़ब्र है तो बच्चे?” 
    जवाब, “क़ब्र के मुजाविर।” 

    सवाल, “अगर इंसान तन्हा हो तो कैसा लगता है?”
    जवाब, “ख़ुदा, क्योंकि वो भी लाशरीक है।” 

    सवाल, “मेरे वालिद साहब मेरी माँ के साथ जब भी झगड़ा करते हैं तो उसे ताना देते हैं कि तुम तो पिछले जन्म में भैंस थीं... मेरे वालिद साहब को किस तरह मालूम हुआ?”
    जवाब, “वो गुज़श्ता जन्म में डेरी का मालिक होगा और भैंस के दूध में पानी मिलाता होगा।” 

    सवाल, “आपने एक-बार लिखा था हसीन लड़कियां बेवक़ूफ़ होती हैं। लेकिन मैं हसीन भी हूँ और बेवक़ूफ़ भी नहीं।” 
    जवाब, “हर हसीन लड़की बेवक़ूफ़ तो होती है लेकिन हर बेवक़ूफ़ लड़की हसीन नहीं होती।” 

    सवाल, “साली आधी घरवाली होती है तो साला?”
    जवाब, “पूरा चपड़ासी।” 

    सवाल, “मेरी महबूबा अक्सर मुझसे कहती है, मेरे डैडी से बात करो। आख़िर उसके डैडी से क्या बात करूँ?”
    जवाब, “जहेज़ की।” 

    सवाल, “जो मस्जिद में बैठ कर शराब पीते हैं, वो कौन होते हैं?”
    जवाब, “एक्साइज़ इंस्पेक्टर।” 

    सवाल, “मेरा दादा जुवारी था। बाप जेबकतरा था। मैं स्मगलिंग का काम करता हूँ। मेरा बेटा क्या बनेगा?”
    जवाब, “लीडर।” 

    सवाल, “औरत नाक़ाबिल-ए-फ़हम क्यों है?”
    जवाब, “क्योंकि वो भी ख़ालिक़ है... ख़ुदा की तरह।” 

    सवाल, “आइडियल शादीशुदा जोड़ा कैसा होता है?”
    जवाब, “होता ही नहीं।” 

    सवाल, “दाना-ए-गंदुम खाने में क़सूर किस का था? आदम का या हव्वा का?”
    जवाब, “मेरे ख़्याल में ये दाना-ए-गंदुम का क़सूर था।” 

    सवाल, “कई औरतें उम्र भर शादी क्यों नहीं करतीं?”
    जवाब, “वो ग़ुरूर-ए-हुस्न में कुँवारी रह जाती हैं।” 

    सवाल, “औरत को पाँव की जूती क्यों कहा जाता है?”
    जवाब, “क्योंकि ख़ाविंद उसी जूती से अपने सर की मरम्मत करता है।” 

    सवाल, “औरत किस वक़्त सबसे ज़्यादा हसीन मालूम होती है?”
    जवाब, “जब वो बच्चे की माँ बन जाती है।” 

    सवाल, “मियां-बीवी की अज़दवाजी ज़िंदगी क्यूँकर ख़ुशगवार हो सकती है?”
    जवाब, “अंधे बन कर, ताकि दोनों एक दूसरे के ऐबों को न देख सकें।” 

    सवाल, “में अपनी महबूबा को उसकी शादी पर एक तोहफ़ा देना चाहता हूँ, बताइए कौन सा तोहफ़ा दूं?”
    जवाब, “उसके पुराने लव लेटर।” 

    सवाल, “औरत की गुफ़्तगू का लज़ीज़ तरीन मौज़ू क्या होता है?”
    जवाब, “कपड़ों के डिज़ाइन और पड़ोसनों की ग़ीबत।” 

    सवाल, “ख़ुदा ने ख़ूबसूरत औरतों को हुस्न अता कर दिया, भोंडी औरतों को क्या दिया?”
    जवाब, “अक़्ल।” 

    सवाल, “जिस औरत के पाँव की एड़ियाँ मैली हों?”
    जवाब, “वो ज़रूर गृहस्तन होगी।” 

    सवाल, “अक़्लमंद आदमी और एक भैंस में क्या फ़र्क़ होता है?”
    जवाब, “अक़्लमंद आदमी भूकों मरता है मगर भैंस को हर-रोज़ चारा मिल जाता है।” 

    सवाल, “मेरा एक लड़का निहायत ज़हीन है मगर दूसरा बड़ा नालायक़ है। एक बाप के दो बेटे मगर क़िस्मत जुदा-जुदा क्यों है?”
    जवाब, “उनमें से एक अपनी माँ पर गया होगा।” 

    सवाल, “ख़ुदाई फ़ौजदार से क्या मुराद है?”
    जवाब, “जो ख़ुदा की फ़ौज में मुलाज़िम हो मगर तनख़्वाह मख़लूक़ से वसूल करता हो।” 

    सवाल, “क्या एक हसीन औरत एक बदसूरत मर्द से भी मुहब्बत कर सकती है?”
    जवाब, “आप करके देख लीजिए।” 

    सवाल, “अच्छे पड़ोसी की क्या पहचान है?”
    जवाब, “जो आपसे डर कर ख़ामोश रहता हो।” 

    सवाल, “मैंने बहुत से ऐसे आदमी देखे हैं जो सुनते ज़्यादा हैं मगर बोलते कम हैं। ऐसे आदमियों के बारे में आपकी क्या राय है?”
    जवाब, “ऐसे आदमी या तो बहुत ज़्यादा जाहिल होते हैं या बहुत ज़्यादा अक़्लमंद, दोनों से बचना चाहिए।” 

    सवाल, “मुझे तारीकी में बड़ा सुकून मिलता है लेकिन रोशनी से बेहद घबराता हूँ। इसकी क्या वजह है?”
    जवाब, “आपके मन में कोई चोर है।” 

    सवाल, “दुनिया से त्याग किस वक़्त इख़्तियार करना चाहिए?”
    जवाब, “जब दुनिया आपको त्याग दे।” 

    सवाल, “साईं बाबा ख़ुदकुशी के बारे में आपका क्या ख़्याल है?”
    जवाब, “बस यही कि नाकाम ख़ुदकुशी नहीं करनी चाहिए वर्ना पुलिस पकड़ कर ले जाती है।” 

    सवाल, “मेरे एक दोस्त की बेटी है जो एक बंद किताब की तरह है। ऐसा मालूम होता है उसे किसी ने खोल कर नहीं देखा।” 
    जवाब, “कई किताबें ऐसी होती हैं जिनका कवर पेज ही देखकर लोग रख देते हैं।” 

    सवाल, “मेरा ख़ाविंद क्लर्क है। दफ़्तर से घर आते ही सीधा छत पर चला जाता है और एक लड़की को घूरता रहता है। इससे आख़िर क्या हासिल होता है?”
    जवाब, “ओवर टाइम।” 

    सवाल, “ख़ुदा ने आदम को पैदा करके ग़लती की तो फिर हव्वा को क्यों पैदा कर डाला?”
    जवाब, “ग़लती की तस्हीह के लिए।” 

    सवाल, “इश्क़ अगर पासपोर्ट है तो शादी क्या है?”
    जवाब, “बच्चे पैदा करने का वीज़ा।” 

    सवाल, “हसीन-ओ-जमील लड़की अगर विलाएती शराब है तो तवायफ़ क्या है?”
    जवाब, “देसी ठर्रा।” 

    सवाल, “वो किस क़िस्म के मियां-बीवी होते हैं जो एक दूसरे को तलाक़ नहीं देते?”
    जवाब, “जो पहले ही तलाक़ याफ़्ता हों।” 

    सवाल, “मेरा ख़ाविंद अपने आपको गधा क्यों कहता है। हालाँकि वो बहुत अक़्लमंद है।” 
    जवाब, “गुस्ताख़ी माफ़, अक़्लमंद होता तो क्या आपसे शादी करता।” 

    सवाल, “फ़िक्र साहब, अगर पच्चास साल का कोई मर्द बीस साल की लड़की से शादी करले तो क्या लगेगा?”
    जवाब, “वो बयक वक़्त बाप भी लगेगा और ख़ाविंद भी।” 

    सवाल, “औरत की आँखों में ख़ुशी के आँसू कब आते हैं?”
    जवाब, “ख़ुशी के आँसू... औरत जब डोली में बैठती है।” 

    सवाल, “नौज़ाईदा बच्चा अपनी मुट्ठी कब खोलता है?”
    जवाब, “जब वो ख़ैरात के लिए हाथ फैलाता है।” 

    सवाल, “बच्चा पैदा होते ही क्यों रोता है?”
    जवाब, “माँ-बाप के मुस्तक़बिल पर।” 

    सवाल, “क्लर्क को अपनी बीवी के चाल चलन पर शुबहा कब होता है?”
    जवाब, “जब वो ख़ाविंद की जेबें टटोलना बंद कर दे।”

    सवाल, “मुझे कई बार ठोकर लगी, मगर फिर भी अक़्ल क्यों नहीं आती?”
    जवाब, “ठोकर लगाने वाले आपसे ज़्यादा अक़्लमंद होंगे।”

    सवाल, “औरत अगर जूठा बर्तन है तो फिर मर्द क्या है?”
    जवाब, “बर्तन की जूठ।” 

    सवाल, “जो बहू अपनी सास को माँ का मर्तबा दे, वो कहाँ है?”
    जवाब, “वो अभी माँ के पेट में है।” 

    सवाल, “सोशलिज़्म क्यों लेट हो गया?”
    जवाब, “बेचारे के पास बस का किराया नहीं है।” 

    सवाल, “हमारे मुहल्ले का एक ब्लैक मार्केटिया हर रोज़ मंदिर क्यों जाता है?”
    जवाब, “ये देखने कि चढ़ावे की ब्लैक किस तरह की जा सकती है।” 

    सवाल, “चोरबाज़ार में कब क्लाइमेक्स पैदा होगा?”
    जवाब, “जब मिलावटी चीज़ें भी चोरबाज़ार में मिला करेंगी।” 

    सवाल, “हमारे मुल्क में आबादी पचपन करोड़ है। उनमें बेवक़ूफ़ कितने हैं और अक़्लमंद कितने?”
    जवाब, “बेवक़ूफ़ पचपन करोड़, अक़्ल मंद पचपन करोड़।” 

    सवाल, “पहले ज़माने में लोग धर्म की ख़ातिर फांसी पर चढ़ जाते थे। आजकल क्यों नहीं चढ़ते?”
    जवाब, “आजकल वो धर्म को ही फांसी पर चढ़ा देते हैं।” 

    सवाल, “मन में कंवल खिलते हैं, तन पर क्यों नहीं खिलते?”
    जवाब, “कंवल ग़लीज़ जगह पर खिलता है, मगर तन को लोग साफ़-सुथरा रखते हैं।” 

    सवाल, “मैंने एक फ़िल्म देखकर जेब काटने का गुर सीख लिया। लेकिन सिनेमा हाल से निकलते वक़्त मेरी अपनी जेब कट गई, क्यों?”
    जवाब, “उस जेबकतरे ने वो फ़िल्म दो मर्तबा देखी होगी।” 

    सवाल, “अगर भैंस को अक़्ल आजाए तो वो क्या करेगी?”
    जवाब, “अपने दूध में आप ही पानी मिलाया करेगी।”

    सवाल, “ख़ुदा की परस्तिश करनी चाहिए या महबूबा की?”
    जवाब, “जिसमें ख़र्चा कम हो।” 

    सवाल, “तराज़ू में एक तरफ़ हसीना बैठी हो, दूसरी तरफ़ करंसी नोट, तो आप किसे तर्जीह देंगे?”
    जवाब, “हसीना से ब्याह करलूँगा। करंसी नोटों को जहेज़ समझ लूँगा।”

    सवाल, “जब कोई नई कोठी बन जाती है, तो उस पर काली हांडी क्यों लटका देते हैं?”
    जवाब, “इन्कम टैक्स वालों को डराने के लिए।” 

    सवाल, “अगर चोर लीडर बन जाए तो सबसे पहला काम क्या करेगा?”
    जवाब, “चोरों की ट्रेड यूनियन बनाएगा।”

    सवाल, “भिकारी को दान पैसा देते वक़्त दाता का हाथ काँपता क्यों है?”
    जवाब, “किसी धंदे में पूँजी लगाते वक़्त रिस्क का एहसास तो होता ही है।” 

    सवाल, “अगर कोई बददियानत शख़्स दियानतदार बन जाए तो उसे क्या कहेंगे?”
    जवाब, “ख़ुदकुशी।” 

    सवाल, “जब ख़ुदा हर वक़्त मेरे दिल में रहता है, तो बताइए मेरा और ख़ुदा का क्या रिश्ता है?”
    जवाब, “आप मालिक मकान... ख़ुदा किराएदार।” 

    सवाल, “क्या जन्नत में भैंसें होती हैं?”
    जवाब, “क्या आपका प्रोग्राम वहाँ भी मिलावट करने का है।” 

    सवाल, “एक शायर, एक आशिक़, दोनों में कोई फ़र्क़ है?”
    जवाब, “हाँ है,शायर, शायरी की बंसुरी तैयार करता है। आशिक़ उस बंसुरी को बजाता है।” 

    सवाल, “कल महबूबा ने मुझे लफंगा कह दिया, मगर मैंने बुरा नहीं माना... क्यों?”
    जवाब, “सच्ची बात पर कोई बुरा नहीं मानता।” 

    सवाल, “एक हाथ से ताली कैसे बजती है?” 
    जवाब, “किसी हसीना से थप्पड़ खाकर देखिए।” 

    सवाल, “शादी के बाद बच्चे पैदा करने चाहिएं तो बच्चे पैदा करने के बाद क्या करना चाहिए?”
    जवाब, “दफ़्तर में ओवर टाइम।” 

    सवाल, “मैं राष्ट्रपति भवन ख़रीदना चाहता हूँ, सौदा करा दीजिए।” 
    जवाब, “क़रादूंगा लेकिन मालिक मकान का एड्रेस नहीं मिल रहा।” 

    सवाल, “शरीफ़ आदमी की पहचान क्या है?”
    जवाब, “जो चोर से कहे, भैया ख़ाली हाथ लौटने पर तुमसे माफ़ी मांगता हूँ।” 

    सवाल, “दुल्हन के हसीन ख़्वाब कब टूटते हैं?”
    जवाब, “जब वो राशन डिपो के क्यू में जाकर खड़ी होजाती है।” 

    सवाल, “मैंने उसे कहा, ‘इश्क़ करोगी?’ तो उसने एक ठंडी सांस भरी और कहा... बताइए उसने क्या कहा होगा?”
    जवाब, “यही कि सॉरी, आप लेट हो गए।” 

    सवाल, “ज़िंदगी में परेशानी का इलाज क्या है? स्मगलिंग या ख़ुदा की इबादत?”
    जवाब, “स्मगलिंग के बाद ख़ुदा की इबादत।” 

    सवाल, “वो ख़्वाब में हाँ कह देती है, बेदारी में ना कर देती है। बताइए वो कौन है?”
    जवाब, “आपकी बीवी।” 

    सवाल, “बच्चा अपनी माँ को क्या समझता है?”
    जवाब, “दूध की डेरी।” 

    सवाल, “मैंने शादी की तो बीवी को देखकर यूं लगा, जैसे लाटरी का टिकट निकला है। उस टिकट पर मुझे कितना ईनाम मिलेगा?”
    जवाब, “तीन बच्चे।” 

    सवाल, “दौर-ए-हाज़िर की औलाद अपने वालिदैन के बारे में क्या सोचती है?”
    जवाब, “जवाब में एक लतीफ़ा अर्ज़ है। एक नौजवान ने दूसरे से कहा, चलो दोस्त आज एक फ़िल्म देख आएं। वो बोला, नहीं दोस्त, मैंने डैडी से नहीं पूछा। पहले नौजवान ने कहा, यार तुम ने डैडी को बहुत लिफ़्ट दे रखी है।” 

    सवाल, “मैंने अपना नाम तौंसवी रख लिया है। मुझे तो ये नाम बहुत ज़लील लगा?”
    जवाब, “ज़लील न होता तो क्या आप रख लेते।” 

    सवाल, “शेर सिर्फ़ एक बच्चा क्यों पैदा करता है?”
    जवाब, “फैमिली प्लैनिंग।”

    सवाल, “मैं किसी ऐसी बीवी से शादी करना चाहता हूँ जो बोले नहीं, सिर्फ़ मेरे हुक्म की तकमील करे। कोई आपकी निगाह में है?”
    जवाब, “हाँ है, आप एक बाइस्कल ख़रीद लीजिए।” 

    सवाल, “महबूबा और लीडर में कौन सी चीज़ मुश्तर्क है?”
    जवाब, “वादा शिकनी।”  

    सवाल, “अगर महबूबा सिर्फ़ उर्दू जानती हो और आशिक़ सिर्फ़ अंग्रेज़ी तो आप उनके इश्वक़ को क्या कहेंगे?”
    जवाब, “ऐंगलो इंडियन।”

    सवाल, “मेरी एक रिश्तेदार ख़ातून ने परसों दसवीं लड़की को जन्म दिया है। आख़िर वो चाहती क्या है?”
    जवाब, “घर में गर्ल्स स्कूल खोलना।” 

    सवाल, “एक वालिद और एक सुसर में क्या फ़र्क़ है?”
    जवाब, “कुछ नहीं, दोनों एक दूसरे का ग़लत तर्जुमा हैं।” 

    सवाल, “कॉल बेल और कॉलगर्ल में क्या फ़र्क़ होता है?”
    जवाब, “कॉल बेल बजाई जाती है। कॉलगर्ल ख़ुदबख़ुद बज उठती है।” 

    सवाल, “कचहरी के वकील और कोठे की तवायफ़ में कौन सी चीज़ मुश्तर्क है?”
    जवाब, “गाहक।” 

    सवाल, “अगर जनता अपने लीडर को बेईमान कह दे तो लीडर क्या जवाब देगा?”
    जवाब, “यही कि मैं इस पर ग़ौर करूँगा।”

    सवाल, “इंसान गिरी हुई चीज़ को उठा लेते हैं मगर गिरे हुए इंसान को क्यों नहीं उठाते?”
    जवाब, “कूड़ा करकट को उठाना अच्छा नहीं समझा जाता।” 

    सवाल, “नास्तिक किस की पूजा करता है?”
    जवाब, “अपनी।” 

    सवाल, “कई लोग अपनी क़ब्र आप क्यों खोदते हैं?”
    जवाब, “खुदाई के पैसे बचाने के लिए।” 

    सवाल, “अगर किसी लीडर में क़ौम का दर्द अचानक रुपये-पैसे के दर्द में बदल जाए तो आप उसे क्या कहेंगे?”
    जवाब, “दर्दनाक।” 

    सवाल, “राम राज और जनता राज में क्या फ़र्क़ है?”
    जवाब, “राम राज में दीया और तेल मिल जाता है। मगर जनता राज में सिर्फ़ दीया मिलता है, तेल नहीं।”

    सवाल, “जब आशिक़ और महबूबा एक दूसरे की बात न मानें तो क्या होता है?”
    जवाब, “मैच ड्रा होजाता है।” 

    सवाल, “पिछले दिनों ख़बर आई थी कि कुछ सवर्ण हिंदुओं ने चंद हरिजन औरतों की हत्या कर डाली। आप उसे क्या कहेंगे?”
    जवाब, “गऊ हत्या।” 

    सवाल, “लोगों ने पैसे को भगवान बना लिया है, तो असली भगवान को क्या कहा जाए?”
    जवाब, “खोटा सिक्का।” 

    सवाल, “में बावजूद ख़्वाहिश के ज़िंदगी की ऊंची मंज़िल पर नहीं पहुँचा, कारन?”
    जवाब, “लिफ़्ट ख़राब होगी।” 

    सवाल, “इंसान और भगवान में क्या रिश्ता है?”
    जवाब, “दोनों एक दूसरे की तख़्लीक़ हैं।”

    सवाल, “उस हीरोइन का नाम बताइए जिसने हमेशा एक हीरो के साथ रोल किया हो?”
    जवाब, “आपकी बीवी।” 

     

    स्रोत:

    Fikr Nama (Pg. 265)

    • लेखक: फ़िक्र तौंसवी
      • प्रकाशक: अंजुमन तरक़्क़ी उर्दू (हिन्द), देहली
      • प्रकाशन वर्ष: 1977

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