क्यों बुझ गया आवारगी: मोहसिन नक़वी
शायरी की दुनिया में मोहसिन नक़वी का नाम बहुत मशहूर है।उनकी ग़ज़लों को बड़े-बड़े गायकों ने अपनी आवाज़ दी है। आज हम उनकी पुण्यतिथि पर उनके कुछ प्रसिद्ध शेरों का चयन प्रस्तुत कर रहे हैं।
अब के बारिश में तो ये कार-ए-ज़ियाँ होना ही था
अपनी कच्ची बस्तियों को बे-निशाँ होना ही था
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सुना है शहर में ज़ख़्मी दिलों का मेला है
चलेंगे हम भी मगर पैरहन रफ़ू कर के
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बड़ी उम्र के बा'द इन आँखों में कोई अब्र उतरा तिरी यादों का
मिरे दिल की ज़मीं आबाद हुई मिरे ग़म का नगर शादाब हुआ
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