Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : इज़हार असर

प्रकाशक : इनाम बुक डिपो, दिल्ली

मूल : दिल्ली, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1975

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : ग़ज़ल

पृष्ठ : 130

सहयोगी : मकतबा शाहराह, दिल्ली

basharat
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक: परिचय

 

इज़हार असर पहलें ऐसे अदीब हैं जिन्होंने उर्दू में निरंतरता के साथ विज्ञान कथा लिखा है. ‘आधी ज़िन्दगी’, ‘मशीनों की बग़ावत’ और ‘बीस हज़ार साल बाद’ जैसे विज्ञान उपन्यास लिखकर उन्होंने उर्दू में विज्ञान- कथा की परम्परा को मज़बूत किया. उनकी शाइरी भी उनके ख्याल और सोच के इसी आयाम को व्यक्त करती है.
इज़हार असर किरतपुर बिजनौर में 15 जून 1927 को पैदा हुए थे. मैट्रिक तक शिक्षा प्राप्त की और आजीविका की तलाश में लग गये. दिल्ली में रहकर एक लम्बे अर्से तक स्वतंत्र रूप से पत्रकारिता करते रहे. ‘बानो’ और ‘चिलमन’ जैसी पत्रिकाओं का सम्पादन किया. ‘हम क़लम’ के नाम से एक पाक्षिक निकाला और एक डाइजेस्ट भी प्रकाशित किया. इज़हार असर के जासूसी वैज्ञानिक और लोकप्रिय विषयों पर आधारित उपन्यासों की संख्या एक हज़ार के लगभग बताई जाती है.
15 अप्रैल 2011 को देहांत हुआ. 


 

.....और पढ़िए
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक की अन्य पुस्तकें

लेखक की अन्य पुस्तकें यहाँ पढ़ें।

पूरा देखिए

लोकप्रिय और ट्रेंडिंग

सबसे लोकप्रिय और ट्रेंडिंग उर्दू पुस्तकों का पता लगाएँ।

पूरा देखिए

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए