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प्रायः पूछे गये प्रश्न

 

1. रेख़्ता फ़ाउंडेशन क्या है?

रेख़्ता फ़ाउंडेशन एक गैर-लाभकारी संस्था है जिसकी स्थापना उर्दू के संरक्षण और प्रचार के लिए की गयी। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए 2013 में रेख़्ता डॉट आर्ग के नाम से एक वेबसाइट का आग़ाज़ किया गया जो बहुत जल्द उर्दू शायरी, गद्य और उर्दू में लिखी जाने वाली किताबों के संदर्भ में दुनिया की सबसे बड़ी वेबसाइट बन गई। इसके अलावा उर्दू भाषा और संस्कृति के विभिन्न रंगों और रूप को अवाम तक पहुँचाने के लिए जश्न-ए-रेख़्ता, रंग-ए-रेख़्ता, शाम-ए-रेख़्ता जैसे बड़े आयोजन किये गये। इन आयोजनों की गिनती शीघ्र ही उर्दू भाषा और संस्कृति के सबसे बड़े जश्न के रूप में होने लगी। उर्दू के विकास के लिए रेख़्ता फ़ाउंडेशन ने और भी कई योजनाओं पर काम किया जिनमें आमोज़िश डॉट कॉम के नाम से उर्दू लिपि सिखाने के लिए विकसित की गयी वेबसाइट भी शामिल है। इसके अलावा उर्दू लिपि सिखाने के लिए कक्षाएं भी चलाई जा रही हैं। पुस्तकों के प्रकाशन के लिए रेख़्ता बुक्स भी रेख़्ता फ़ाउंडेशन का एक अहम क़दम है जिसके अधीन क्लासिकी और वर्तमान के स्थापित और विशेषरूप से नौजवान शायरों का कलाम प्रकाशित किया जा रहा है। 

2. रेख़्ता फ़ाउंडेशन के संस्थापक कौन हैं?
रेख़्ता फ़ाउंडेशन के संस्थापक प्रसिद्ध उद्योगपति, इंसान दोस्त और उर्दू के आशिक़ संजीव सराफ़ हैं। आप रेख़्ता संस्थापक पेज पर उनके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।  

3.रेख़्ता शब्द का क्या अर्थ है?
रेख़्ता उर्दू के पुराने नामों में से एक नाम है. ‘रेख़्ता’ का शाब्दिक अर्थ मिली-जुली चीज़ है। ‘रेख़्ता आमेख़्ता’. रेख़्ता हर उस चीज़ को कहा जा सकता है जो कई अलग अलग चीज़ों से मिलाकर बनाई जाये। उर्दू जबान का मामला भी कुछ ऐसा ही था। इसमें कुछ फ़ारसी,कुछ तुर्की, कुछ अरबी, कुछ ब्रज, अवधी, राजस्थानी, पंजाबी और कुछ हरियानवी के शब्द थे और उन्हीं स्थानीय भाषाओँ और बोलियों से उर्दू ने अपनी व्याकरणी व्यवस्था स्थापित की। इसलिए उर्दू को रेख़्ता कहा जाने लगा। रेख़्ता के साथ उर्दू को और भी कई नामों से जाना गया, जैसे हिन्दी, हिन्दवी, देहलवी, दकनी और गुजरी। उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्ध में ‘उर्दू’ ज़बान के नाम के तौर पर इख्तियार किया गया। 

4.रेख़्ता रेख़्ता डॉट आर्ग क्या है? 
रेख़्ता डॉट आर्ग उर्दू अदब की सबसे बड़ी वेबसाइट है। इसका आग़ाज़ 2013 में हुआ और बहुत जल्द ये वेबसाइट उर्दू आशिक़ों का केंद्र बन गई। रेख़्ता पर उर्दू शायरी, गद्य और उर्दू में लिखी जानेवाली किताबों का विशाल संग्रह मौजूद है। जिससे प्रतिदिन लाखोँ लोग मुफ्त लाभ उठाते हैं। रेख़्ता के बारे में और जानकारी यहाँ उपलब्ध है। 

5.मुझे उर्दू नहीं आती है, मैं रेख़्ता से  कैसे लाभ उठा सकता हूँ?
रेख़्ता के आग़ाज़ से ही इसका मूल उद्देश्य यह भी रहा है कि उर्दू के जादू को ग़ैर उर्दू भाषी समूह तक पंहुचाया जाये। इसके लिए रेख़्ता पर उपलब्ध समस्त पाठ को उर्दू के साथ देवनागरी और रोमन लिपि में प्रस्तुत किया गया है। आप लिपि के खाने में जाकर किसी भी लिपि का चयन कर सकते हैं। रेख़्ता शब्दकोश भी इसमें आपकी सहायक हो सकती है। पढ़ने के दौरान आप मुश्किल शब्द पर क्लिक कर उनके अर्थ जान सकते हैं।अगर आप उर्दू लिपि नहीं जानते हैं तो हमने आपके लिए आमोज़िश नाम से एक वेबसाइट बनाई है। आप यहाँ स्वयं से उर्दू लिपि सीख सकते हैं। आमोज़िश पर उर्दू सीखने की प्रक्रिया को दिलचस्प बनाने के लिए आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया गया है। इस प्रकार आमोज़िश अपनी तरह का पहला ऑनलाइन लर्निंग पोर्टल है।अगर आप कक्षा में शामिल होकर उर्दू सीखना चाहते हैं तो रेख़्ता द्वारा चलाई जाने वाली उर्दू लर्निंग क्लासेज में शामिल हो सकते हैं।

6.क्या रेख़्ता पर केवल उर्दू शायरी और शायरों को शामिल किया जाता है?
नहीं, रेख़्ता पर शायरी के साथ उर्दू में लिखे जाने वाले गद्य साहित्य का भी एक शानदार ज़ख़ीरा है। हमारे यहाँ फ़िलहाल उर्दू में लिखित दो हज़ार श्रेष्ठ कहानियाँ मौजूद हैं. इसी के साथ सआदत हसन मंटो की समस्त रचनाएँ भी। गद्य खंड में कथा साहित्य के अतिरिक्त हास्य-व्यंग्य, रेखाचित्र और आलोचनात्मक व शोध आलेख भी उपलब्ध हैं।अगर आप भी एक गद्यकार हैं और सोचते हैं कि आपकी रचनाएँ रेख़्ता वेबसाइट पर आ सकती हैं तो हमें भेजिए।

7.क्या रेख़्ता पर मौजूद किताबें डाउनलोड की जा सकती हैं?
रेख़्ता वेबसाइट पर उपलब्ध किताबों को डाउनलोड नहीं किया जा सकता है। जिन संस्थाओं और महानुभावों के सहयोग से यह किताबें हमें मिली हैं उनकी इजाज़त सिर्फ़ किताबों की डिजिटलीकृत करके दुनिया भर में मुफ्त ऑनलाइन लाभ उठाने की सीमा तक है।

8. उर्दू साहित्य के छात्रों के लिए विशेष क्या है?
हमने यूनिवर्सिटी और कालेज में पढ़ने वाले छात्रों के लिए एक पाठ्यक्रम का खंड बनाया है। इस खंड में समस्त शैक्षिक संस्थाओं के उर्दू पाठ्यक्रम मौजूद हैं। आप अपने वांछित संस्था के नाम पर क्लिक करके पाठ्यक्रम में शामिल किताबों और पाठ तक पहुँच सकते हैं। इस खंड में अंकित संस्थाओं की सूची में वृद्धि जारी है।  

9. मैं शायर हूँ ,रेख़्ता पर मेरी शायरी किस तरह उपलब्ध हो सकेगी?
रेख़्ता से आपकी सम्बद्धता के लिए हम आभारी हैं. अगर आप शायर हैं तो आपको रेख़्ता पर ज़रूर होना चाहिए।
अपनी नीतियों के अनुसार शायरी और गद्य के समस्त पाठ हम अपने विश्वस्त माध्यम से प्राप्त करते हैं। अगर आपका कोई काव्य संग्रह प्रकाशित हुआ है तो आप किसी भी फोर्मेट में हमें भेज सकते हैं। उस संग्रह से हम आपके पेज के लिए शायरी का चयन कर लेंगे और किताब ई बुक संभाग में अपलोड करदी जाएगी।अगर आपकी कोई किताब प्रकाशित नहीं हुई है तो आप shayari@rekhta.org ई मेल पर हमें अपनी रचनाएँ भेज सकते हैं। प्रकाशन योग्य होने पर हमारा सम्पादकीय विभाग आप से सम्पर्क करेगा। 

10. मैं एक शायर / कलाकार हूँ, रेख़्ता के आयोजनों में किस तरह शामिल हो सकता हूँ? 
रेख़्ता के आयोजनों में दिलचस्पी के लिए हम आपके आभारी हैं. आप हमें अपना विवरण contact@rekhta.org पर भेज सकते हैं, हमारी टीम आपसे संपर्क करेगी। 

11. हम रेख़्ता को अनुदान देना चहते हैं, प्रक्रिया क्या है?
हम आपके शुक्रगुज़ार हैं। रेख़्ता अनुदान के संदर्भ में आप हमें हमारे ई मेल एड्रेस पर  लिख सकते हैं। इसके अलावा हमने रेख़्ता अनुदान के लिए एक ऑनलाइन प्रक्रिया भी अपनाई है जिसका प्रयोग आप कभी भी कहीं से भी कर सकते हैं। 


Sanjiv Saraf Founder

   

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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