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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : देवदास बिस्मिल

प्रकाशक : असबाक़ पब्लिकेशन्स, पुणे

प्रकाशन वर्ष : 2012

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : ग़ज़ल

पृष्ठ : 259

सहयोगी : जामिया हमदर्द, देहली

gul gulshan gulfam
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लेखक: परिचय

बिस्मिल देवदास मेरठ में १३ नवंबर १९४३ को पैदा हुए और उनका नाम लक्ष्मीचंद रखा गया। उनके वालिद का नाम बलदेवदास स्वामी था । उस ज़माने में मेरठ उर्दू का गतिशील और सरगर्म केंद्र था। यहीं से उन्हें शायरी का शौक़ पैदा हुआ और मैट्रिक में पहुंचते पहुंचते वो शे’र कहने लगे। नववी कक्षा में  लक्ष्मीचंदने सूरदास और तुलसीदास के काव्यपर आर्टिकल लिखा । फिल्मो का भूत सवार होने से वह बंबई चले आए ।  वो सीडीए (कंट्रोलर ऑफ डिफेन्स अकाउंट) में दाखील हुए। वहा उन्होंने १७२० से लेकर आजतक का डिफेन्स का इतिहास लिखा । संरक्षण मंत्रालय का  रिसाला 'पश्चिमांचल' का काम भी उन्होंने कई साल किया। उन्होंने बचपन और जवानी में बहुत मुश्किल और कठिन दिन गुज़ारे। बंगाली,उर्दू, सिंधी, मराठी,हिंदी,इंग्रजी,गुजराथी भाषा में लिखनेवाले बिस्मिलजी का  २५ जनवरी २०२२ को  दिल का दौरा पड़ने से  इंतिक़ाल हुआ। उनके पीछे बीबी माया, बेटा  आलोक,बहू  सीमा और पोती  निहारिका हैं ।


 प्रकाशित कृतियाँ
 
 टुकडे-टुकडे जिंदगी, ख्वाब कितने बुने, गीत गाने दो मुझे, दरख्तों के लंबे होते साये, तेरी हंसी, उम्रभर सफर में,अमर सहगल के अमर गीत,
राम -रावण महाभारत युद्ध का अंतरकाल
 भारत की एक प्रख्यात भोजन लेखिका व रसोइया तरला दलाल की तीन किताबो का अनुवाद

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