aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
अख़्तर ओरेनवी उर्दू के महत्वपूर्ण कहानीकार, शोधक, समालोचक और शायर हैं। वह उर्दू के उन कहानीकारों में शामिल हैं जिन्होंने बिल्कुल आरम्भिक दौर में इस विधा में रूचि ली और उनकी सही आकृति को स्पष्ट करने में अहम भूमिका निभाई।
अख़्तर ओरेनवी 1911 को ओरेन ज़िला मुंगेर में पैदा हुए। उनके पिता का नाम सैयद वज़ारत हुसैन थे। अंग्रेज़ी में बी.ए. की डिग्री प्राप्त की और फिर उर्दू भाषा व साहित्य में एम.ए. व डी.लिट. की उपाधि प्राप्त करने के बाद पटना यूनिवर्सिटी में अध्यापन से जुड़े। 30 मार्च 1977 को देहांत हुआ।
अख़्तर ओरेनवी का व्यक्तित्व शुद्ध विद्वतापूर्ण, साहित्यिक और सृजनात्मक था। उन्होंने उर्दू भाषण साहित्य का इतिहास भी लिखा और इक़बाल व नज़ीर को भी अपने विशेष अध्ययन का विषय बनाया। उनके कई काव्य और काहानी संग्रह भी प्रकाशित हुए।
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