aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "'kausar'"
कल के लिए कर आज न ख़िस्सत शराब मेंये सू-ए-ज़न है साक़ी-ए-कौसर के बाब में
बहुत सही ग़म-ए-गीती शराब कम क्या हैग़ुलाम-ए-साक़ी-ए-कौसर हूँ मुझ को ग़म क्या है
मता-ए-कौसर-ओ-ज़मज़म के पैमाने तिरी आँखेंफ़रिश्तों को बना देती हैं दीवाने तिरी आँखें
तूबा की सलसबील की कौसर के जाम कीहूर-ओ-क़ुसूर-ओ-जन्नत-ओ-ग़िलमान की क़सम
सदा-ए-दर्द की ख़ातिर तुम्हें 'कौसर' ने छेड़ा हैशिकस्ता-साज़ के बेदार तारो तुम न सो जाना
आरज़ू-ए-चश्मा-ए-कौसर नईंतिश्ना-लब हूँ शर्बत-ए-दीदार का
हर जाम है नज़्ज़ारा-ए-कौसर मिरे हक़ मेंहर गाम है गुलगश्त-ए-मुसल्ला मिरे आगे
बनाता है मुँह तल्ख़ी-ए-मय से ज़ाहिदतुझे बाग़-ए-रिज़वाँ से कौसर मँगा दें
जिसे समझते हैं सब मौज-ए-कौसर-ओ-तसनीमवो आइना भी है तपते हुए सराब की आँच
ख़ल्क़ की संग-ज़नी का है ये 'कौसर' एहसानतह में जिस के गए सब हुस्न ओ क़ुबह दब मेरे
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