aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "afghanistan"
इस राह-ए-सफ़र में साया-ए-अफ़्गनइक शाख़-ए-शजर न मिल सकेगी
के-पी-के अफ़्ग़ानिस्तान है और बलोचिस्तान ईरानसिंध है चीन में और प्यारा पंजाब अरब का हिस्सा है
लब-ए-रंगीं से अगर तू गुहर-अफ़शाँ होतालखनऊ लालों के मादन से बदख़्शाँ होता
इस को तुम बर्बाद न करनादिल अफ़्ग़ानिस्तान नहीं है
दूद-ए-अफ़्ग़ान-ओ-रग-ए-जान-ओ-सुवैदा दिल में हैबंद है क़िंदील के अंदर धुआँ बत्ती चराग़
सियह-बख़्ती हुई है साया-अफ़गन इस क़दर मुझ परनज़र आती है हर-सू तीरगी ही तीरगी मुझ को
बाइ'स-ए-जोश-ए-जुनूँ ज़ुल्फ़-ए-सियह-फ़ाम नहींवहशत-अंगेज़ बदख़्शाँ की मगर शाम नहीं
रिवायतों के अभी आफ़्ताब बाक़ी हैंशराफ़तों के अभी माहताब बाक़ी हैं
हो गए 'अफ़ज़ल' वतन में अजनबीहर गली के जाने पहचाने हुए
न झाँक आँखों के अंदर कि इन दिनों हम भीहथेलियों पे उगाते हैं आफ़्ताब के फूल
Jashn-e-Rekhta 10th Edition | 5-6-7 December Get Tickets Here
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books