aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "bore"
ये आन है ऐ यारो या नोक है बर्छी कीया सीने से तीरों के पैकान निकलते हैं
भोर आई है इरेज़र की तरहशब की तहरीर मिटा चाहती है
कुछ शुऊर ओ हिस का था बोहरान हम में वर्ना हमअहद-ए-नौ की इस तरह करते पज़ीराई कि बस
बस कि है यार की कमर का ख़यालशेर की सूझती है बारीकी
बे-पायाँ करता हूँ 'तूर' अपने को मैंइक ख़ाली तश्त में भर कर गहरा पानी
इक बुरोटस से शिकायत हो तो दिल दुखता हैहो जो हर एक से शिकवा तो गिला कुछ भी नहीं
रूह का घाव भरने वाला हैफिर कोई वार कर दिया जाए
बुल-हवस का यूँ हदफ़ कीजे निशाना तीर काग़ाफ़िल अपनी क़दर से बे-दर्द इतना होजिए
बहर-ए-काफ़ूर में तलातुमभौंरा बैठा कँवल को चूसे
भूके प्यासे खोज रहे हैंदाना दाना पानी पानी
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