aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "iraq"
किस ने तोड़ा है दिल तिरा 'इरफ़ान'क्यों तबी'अत में इंकिसारी है
मिरे मिज़ाज को बख़्शा है इंकिसार अगरब-क़द्र-ए-ज़र्फ़ तबीअ'त को इंकिसार मिले
हम में से कोई तो करे इसरारकि ज़मीं आसमाँ का दफ़्तर है
आरिज़-ए-ताबाँ पे है ख़त की नुमूदहब्शियों की फ़ौज या ईरान में
इराक़ ख़ून-ए-शहीदाँ से सुर्ख़-रू होगाबमों के ढेर हैं लॉंचर हैं तेशा-ए-फ़रहाद
कहीं इसरार कुछ हैउफ़ुक़ के पार कुछ है
उन से ना-कर्दा जफ़ाओं का किया था इसरारउतनी ही बात पे वो हम से ख़फ़ा हैं कितने
आशिक़ों की पाएमाली में उसे इसरार हैया'नी वो महशर-ख़िराम अब पाँव फैलाने लगा
रह गईं शहर-ए-ख़िरद में ही उलझ कर सोचेंइक जहाँ और भी इदराक से आगे तक था
सराब वाहिमा नज़रों के सामने मौजूदधड़क रहा है जो इदराक में सराब नहीं है
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